2025-26: धान अधिप्राप्ति पर नीतीश कुमार ने दिए स्पष्ट आदेश, किसानों को परेशानी न हो
पटना (बिहार): राज्य सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 में धान अधिप्राप्ति (paddy procurement) व्यवस्था को और अधिक सुगम, पारदर्शी तथा किसान-हित बनाने का मार्गदर्शन जारी किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में ‘संकल्प’, 1 अणे मार्ग में आयोजित समीक्षा बैठक में उनको निर्देश दिए गए कि किसानों को धान बेचने या भुगतान में किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने जिलावार अधिप्राप्ति लक्ष्य, आवश्यक संसाधन तथा वितरण चेन की समीक्षा पूरी सतर्कता से कराने का आदेश दिया।
बैठक में तय हुआ कि धान की अधिप्राप्ति के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व अन्य प्रक्रियाएं पूर्व की भांति लागू रहेंगी। सरकार चाहती है कि खरीफ विपणन मौसम के दौरान किसानों को उनके अनाज का मूल्य समय पर मिले और उसे बिचौलियों या अन्य मूकदर्शकों के चक्कर में न पड़ना पड़े।
इसके साथ ही, अधिप्राप्ति केंद्रों (PACS / व्यापार मंडल), मंडियों और समस्त स्टेकहोल्डर्स को निर्देश दिया गया है कि वे पर्याप्त भण्डारण, नमी-मापक उपकरण, सही तौल और भुगतान प्रणाली सुनिश्चित करें। एमएसपी के अंतर्गत सामान्य धान और ग्रेड-A धान दोनों की खरीद होगी।
सरकार ने यह भी कहा है कि अधिप्राप्ति के बाद किसानों को भुगतान में तेजी आए — इसके लिए लाभुकों को राशि सीधे उनके बैंक खातों में भेजने की व्यवस्था बनाए जाने की उम्मीद जताई गई है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर किसी किसान को भुगतान में देरी होती है या किसी प्रकार की कठिनाई हो, तो उसकी शिकायत तुरंत सुनी जाए और समाधान किया जाए।
कृषकों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश:
किसान अपना धान बेचने से पहले राज्य द्वारा तय MSP, क्वालिटी मानक, भूमि–धान विवरण आदि की ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करें।
अधिप्राप्ति केंद्र पर धान देने के बाद तत्काल रसीद लें।
भुगतान की रसीद और बैंक विवरण सुरक्षित रखें।
यदि भुगतान 48 घंटे के भीतर नहीं होता—तो संबंधित सहकारिता कार्यालय या जिला समाहर्ता को लिखित शिकायत करें।
इस समीक्षा और निर्देशों के साथ, बिहार सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि इस वर्ष धान अधिप्राप्ति को किसानों के लिए अधिक भरोसेमंद, पारदर्शी और कम परेशानी वाला बनाने पर पूरा ध्यान दे। कृषि प्रधान इस राज्य में खेती किया करते हैं — इस फैसले से उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य, उचित भुगतान और बिचौलिए-दबाव से मुक्ति मिलेगी।

