सारण ने सुरक्षित मातृत्व का नया मानक गढ़ा — 2 लाख से अधिक एएनसी जांच, 13,700 हाई-रिस्क केस पहचानकर मां–शिशु सुरक्षा को मजबूत बनाया
सारण (बिहार): सारण जिले में सुरक्षित मातृत्व को प्राथमिकता देते हुए गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए विशेष मातृ स्वास्थ्य अभियान का परिणाम यह रहा कि जिले में 2 लाख से अधिक प्रसव पूर्व जांच (ANC) कराई गईं और 13,700 हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी की समय पर पहचान कर उन्हें सुरक्षित चिकित्सा सेवा से जोड़ा गया। यह प्रयास मां और शिशु दोनों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा का मजबूत कवच सिद्ध हो रहा है।
66 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की चार बार जांच — लक्ष्य का 94% पूरा
इस अवधि में जिले की 66,689 गर्भवती महिलाओं का कम-से-कम चार बार एएनसी किया गया। यह लक्ष्य का 94% है, जो जिला स्वास्थ्य तंत्र की सक्रियता और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।
सबसे बेहतर प्रदर्शन छपरा सदर अस्पताल एवं शहरी क्षेत्रों ने किया, जहाँ से 5,388 महिलाओं ने चार बार जांच कराई।
74 हजार से अधिक महिलाओं का ‘पूर्ण ANC’ — सदर अस्पताल नंबर 1
पूर्ण एएनसी के दायरे में 74,716 महिलाओं को शामिल किया गया।
सदर अस्पताल ने यहां भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और 10,314 गर्भवती महिलाओं की सभी आवश्यक जांचें कीं।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत 2,11,184 जांच
हर महीने की 9 तारीख को चलने वाले पीएमएसएमए अभियान ने सारण में मातृ स्वास्थ्य को नई मजबूती दी।
अभियान के तहत 2,11,184 जांचें की गईं।
इनमें से 13,700 महिलाओं में हाई-रिस्क गर्भावस्था की पहचान कर उन्हें विशेष चिकित्सा निगरानी में रखा गया।
क्यों जरूरी है प्रसव पूर्व जांच (ANC)?
• मां और भ्रूण के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी
• एनीमिया, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर समस्याओं का समय पर पता
• हाई-रिस्क गर्भावस्था की शुरुआत में पहचान
• प्रसव के समय जटिलताओं की रोकथाम
• सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ शिशु की संभावना बढ़ती है
स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता — हर गर्भवती तक सुरक्षित मातृत्व सेवाएं पहुँचाना
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि जिले में मातृ स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग कई स्तरों पर लगातार कार्य कर रहा है।
आशा और एएनएम की सक्रियता, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की बेहतर सेवाएं और समय पर जांच के परिणामस्वरूप एएनसी कवरेज में तेजी से वृद्धि हुई है।
आगामी महीनों में इस कवरेज को और बेहतर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
क्षेत्र से मिली प्रतिक्रियाएँ
प्रियंका कुमारी, CHO, मटियार मांझी:
“हम महिलाओं की बैठक में हमेशा बताते हैं कि प्रसव पूर्व जांच ‘चॉइस’ नहीं, ‘जरूरत’ है। अब महिलाएं खुद कहने लगी हैं कि उन्हें जांच करानी है।”
प्रेमालता देवी, जलालपुर:
“पहले लोग कहते थे बार-बार जांच से बच्चा कमजोर हो जाता है। आशा दीदी ने समझाया कि यही बातें गलत हैं। अब चारों बार जांच कराने के बाद समझ आया कि जांच ही मां-बच्चे को सुरक्षित रखती है।”
रीना देवी, एकमा:
“हम गांव की महिलाओं के लिए यह जांच जिंदगी बचाने जैसा है। समय पर देखभाल मिल रही है, तभी हम निश्चिंत हैं।”
सुरक्षित मातृत्व सारण, ANC जांच बिहार, हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी, PMSMA सारण, छपरा मातृ स्वास्थ्य, गर्भवती महिलाओं की जांच, सुरक्षित प्रसव
#SafeMotherhood #SaranHealth #ANCCheckup #MaternalCare #PMSMA #BiharHealth #Chhapra #JagatDarshanNews

