'चुटकुला दर्शन' का एमडीयू पुस्तक मेले में लोकार्पण, हरियाणवी लोकजीवन पर अनोखी पेशकश
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रोहतक (हरियाणा) संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में आयोजित आठवें पुस्तक मेले में गुरुवार को साहित्य और लोकसंस्कृति के संगम का एक अनोखा क्षण देखने को मिला, जब हरियाणवी भाषा में रचित पवन गहलोत की पुस्तक ‘चुटकुला दर्शन’ का भव्य विमोचन किया गया।
हेड लाइब्रेरियन डॉ. सतीश कुमार मलिक की गरिमामयी उपस्थिति में एमडीयू के रजिस्ट्रार डॉ. रविकांत ने अपने कर-कमलों से पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर ने पुस्तक प्रेमियों, विद्यार्थियों और शिक्षाविदों के बीच विशेष उत्साह का वातावरण बना दिया।
‘चुटकुला दर्शन’ की विशेषता यह है कि इसमें हरियाणवी लोकधारा में प्रचलित रोचक चुटकुलों का संकलन तो है ही, साथ ही प्रत्येक चुटकुले से मिलने वाली सीख का भी उल्लेख किया गया है। लेखक ने मनोरंजन को केवल हंसी तक सीमित न रखकर, उससे जीवन-व्यवहार की शिक्षा निकालने का अनूठा प्रयास किया है। यह दृष्टिकोण पुस्तक को एक विशिष्ट और अभिनव कृति बनाता है, जो पाठकों को हंसी के साथ गहन चिंतन का अवसर भी प्रदान करती है।
विमोचन समारोह में डॉ. सीमा रानी (डिप्टी लाइब्रेरियन), प्रो. हरीश (जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन), डॉ. मधुकांत, प्रो. शामलाल कौशल, प्रो. डीएस हुड्डा (सेवानिवृत्त), ममता शर्मा, आशा विभोर, आशा खत्री, कृष्ण लाल गिरधर, संदीप शर्मा सहित स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय का स्टॉफ, एमडीयू के विद्यार्थी और बड़ी संख्या में पुस्तक प्रेमी मौजूद रहे।
पुस्तक मेले में 'चुटकुला दर्शन' ने अपने अनोखे कंटेंट के कारण खास आकर्षण बटोरा और साहित्य व लोक-संस्कृति में रुचि रखने वालों के बीच चर्चा का विषय बन गया।

