प्रशांत किशोर को चुनाव आयोग का नोटिस: दो राज्यों में मतदाता सूची में नाम दर्ज होने पर मांगी गई सफाई
पटना (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर एक नई विवाद में घिर गए हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। आयोग की ओर से यह कार्रवाई तब की गई जब यह पाया गया कि प्रशांत किशोर का नाम दो राज्यों — बिहार और पश्चिम बंगाल — दोनों की मतदाता सूचियों में दर्ज है।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशांत किशोर का नाम बिहार के रोहतास जिले के काराघाट विधानसभा क्षेत्र और पश्चिम बंगाल के भवानिपुर विधानसभा क्षेत्र, दोनों जगह मतदाता सूची में मौजूद है। आयोग ने इस मामले को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 17 के उल्लंघन की श्रेणी में माना है, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति एक से अधिक विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हो सकता। यदि यह आरोप सही पाया जाता है, तो अधिनियम की धारा 31 के तहत एक वर्ष तक की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
नोटिस में प्रशांत किशोर से तीन दिनों के भीतर लिखित जवाब देने को कहा गया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि वे अपने पंजीकरण की स्थिति को लेकर संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाते हैं, तो उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, इस पूरे विवाद पर प्रशांत किशोर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “अगर मैंने कोई अपराध किया है तो मुझे गिरफ्तार किया जाए। मैं किसी भी जांच के लिए तैयार हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रशासनिक त्रुटि का मामला है और वे स्वयं चुनाव आयोग को इस संबंध में स्पष्टीकरण देंगे।
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार में जन सुराज यात्रा और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रिय हैं। ऐसे में चुनाव आयोग का यह नोटिस उनके राजनीतिक अभियान पर बड़ा असर डाल सकता है।
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