विज्ञान भवन में होगा पं. दीनदयाल उपाध्याय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, राष्ट्रीयता और मानवता के संदेश को मिलेगी नई दिशा
प्रेरणा बुडाकोटी / नई दिल्ली।
विश्व हिंदी परिषद के तत्वावधान में राष्ट्रीयता और मानवता के प्रतीक पं. दीनदयाल उपाध्याय पर केंद्रित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 21 और 22 नवंबर 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया जाएगा। यह आयोजन पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की 110वीं जयंती के अवसर पर किया जा रहा है।
पं. दीनदयाल उपाध्याय भारतीय समाज के उन महान चिंतकों, दार्शनिकों और राष्ट्रनिर्माताओं में से एक थे, जिन्होंने “एकात्म मानववाद” के सिद्धांत के माध्यम से भारतीय राजनीति और संस्कृति को नया आयाम दिया। वे न केवल एक प्रखर विचारक थे, बल्कि समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान — ‘अंत्योदय’ — को अपना जीवन लक्ष्य मानने वाले सच्चे राष्ट्रसेवक थे।
सम्मेलन का उद्देश्य उनके विचारों, दर्शन और योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाना, उनके सामाजिक-आर्थिक दृष्टिकोण को समझना तथा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में उनकी प्रासंगिकता पर चर्चा करना है। परिषद के अनुसार, यह आयोजन पं. दीनदयाल जी के राष्ट्रीयता, आत्मनिर्भरता और मानवीय समरसता के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास है।
इस अवसर पर एक स्मारिका भी प्रकाशित की जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वानों के शोध-पत्र, आलेख और हिंदी भाषा एवं साहित्य से संबंधित उपयोगी सामग्री शामिल होगी। इसमें संस्थाओं और प्रतिष्ठानों के परिचयात्मक लेख भी प्रकाशित किए जाएंगे ताकि पाठकों को उनके कार्यों की जानकारी मिल सके।
स्मारिका का प्रकाशन इसे एक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक दस्तावेज बनाएगा, जिसे व्यापक स्तर पर प्रचारित किया जाएगा। प्रतिभागियों की सुविधा के लिए परिषद द्वारा गांधी दर्शन समिति, राजघाट, अनुव्रत भवन और ब्राह्मण भवन, छतरपुर में सुलभ दरों पर आवास की व्यवस्था की गई है।
विश्व हिंदी परिषद के उपाध्यक्ष देवी प्रसाद मिश्र, महासचिव डॉ. विपिन कुमार, डॉ. नंदकिशोर साह, शकुंतला सरुपपिया, डॉ. विजय पाटिल और डॉ. सीताराम आठिया ने अधिकाधिक सहभागिता की अपील की है।
डॉ. सीताराम आठिया ने बताया कि उनकी 501 पुस्तक श्रृंखला के अंतर्गत उत्कृष्ट साहित्यिक योगदान देने वाले 101 साहित्यकारों और प्रोफेसरों को उनके पिता स्व. श्री पुरुषोत्तम लाल आठिया की स्मृति में “हिंदी गौरव सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा।
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