जेपी की धरोहर उपेक्षा की शिकार: सिताब दियारा में पुश्तैनी घर जर्जर, संग्रहालय अब भी उद्घाटन की प्रतीक्षा में
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताब दियारा में स्थित जेपी ट्रस्ट परिसर के समीप केंद्र सरकार द्वारा निर्मित भव्य जेपी संग्रहालय अपने उद्घाटन का इंतज़ार कर रहा है, वहीं दूसरी ओर जेपी का पुश्तैनी खपरैल घर अब जर्जर स्थिति में पहुंच गया है।
धरोहर के रूप में संरक्षित यह ऐतिहासिक मकान धीरे-धीरे ध्वस्त होने की कगार पर है।
जेपी के जीवनकाल में उनके सेवक रहे भगवान चौधरी ने जर्जर भवन के हिस्सों को दिखाते हुए कहा कि कोरोना काल से पहले जिला प्रशासन द्वारा घर की मरम्मत कराई गई थी, लेकिन उसके बाद से इमारत को पूरी तरह उपेक्षित छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि घर की दीवारें कमजोर हो चुकी हैं, छप्पर जगह-जगह से टूट रहे हैं और अब कुत्ते, बिल्ली और बंदर आसानी से अंदर प्रवेश कर रहे हैं।
चौधरी ने बताया कि हाल की बारिश में घर के कई कमरों और बरामदों में घुटनों तक पानी भर गया, जिससे ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएं पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। जेपी ट्रस्ट के सचिव आलोक सिंह ने बताया कि प्रशासन की अनदेखी के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। दीवारों से अब भी पानी रिस रहा है और घर में सांपों और मधुमक्खियों ने डेरा जमा लिया है।
उन्होंने कहा कि जेपी के पलंग, कुर्सी, बिछावन और अन्य गृहोपयोगी वस्तुएं सड़ने की स्थिति में हैं। जेपी की जयंती को देखते हुए फिलहाल दीवारों की मरम्मत, छप्पर की लीपाई और सफाई का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है।
ट्रस्ट सचिव आलोक सिंह ने कहा कि “संग्रहालय का शीघ्र उद्घाटन और जेपी की सामग्री को उसमें स्थानांतरित करना अब अत्यंत आवश्यक हो गया है, ताकि उनकी धरोहरों को सुरक्षित रखा जा सके और आने वाली पीढ़ियां उनके जीवन दर्शन से जुड़ सकें।”
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