विशेष कैंप लगाकर बुखार पीड़ित व्यक्तियों का किया गया डेंगू की स्क्रिनिंग: सिविल सर्जन
• डेंगू से बचाव के लिए साफ-सफाई बेहत जरूरी
• सिविल सर्जन ने डेंगू प्रभावित एरिया का किया निरीक्षण
///जगत दर्शन न्यूज
गोपालगंज (बिहार): गोपालगंज जिले में डेंगू से बचाव और रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। मांझा प्रखंड में डेंगू के मरीज प्रतिवेदित होने के बाद विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ गया है। गुरुवार को सिविल सर्जन डॉ. बीरेंद्र प्रसाद ने जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण और चिकित्सकों की टीम के साथ प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि बुखार पीड़ित व्यक्तियों की विशेष कैंप लगाकर डेंगू की स्क्रीनिंग की जाए। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर करीब 200 लोगों की जांच की। उन्होंने लोगों से अपील की कि घर और आसपास जलजमाव न होने दें, क्योंकि डेंगू का मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है।
डॉ. प्रसाद ने कहा, “डेंगू से बचाव के लिए आस-पास की सफाई बेहद जरूरी है। पूरे इलाके में फॉगिंग किया गया है। स्वास्थ्यकर्मी लगातार लोगों को जागरूक कर रहे हैं।”
जन-जागरूकता पर जोर
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने कहा कि डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि लोग स्वयं सतर्क रहें। उन्होंने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में तेजी से बढ़ता है।
हर बुखार डेंगू नहीं होता
वीडीसीओ प्रशांत कुमार ने स्पष्ट किया है कि हर बुखार डेंगू नहीं होता। डेंगू के मरीजों को पेरासिटामोल दवा सुरक्षित है, लेकिन एस्प्रिन और ब्रुफेन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। समय पर उपचार कराने से मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।
डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण
• तेज बुखार, बदन, सिर और जोड़ों में दर्द
• आँखों के पीछे दर्द
• त्वचा पर लाल धब्बे या चकते
• नाक-मसूढ़ों से या उल्टी के साथ खून आना
• काला रंग का पैखाना होना
इन लक्षणों के प्रकट होते ही मरीज को अविलंब सदर अस्पताल या नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
बचाव के उपाय
• दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
• मच्छर भगाने वाली दवा/क्रीम का प्रयोग करें।
• पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और घर को साफ-सुथरा व हवादार रखें।
• कूलर, गमले, नारियल का खोल, टूटे बर्तन या टंकी में पानी जमा न होने दें।
• जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें और नियमित रूप से कीटनाशी दवा का छिड़काव करें।
• बाजारों और दुकानों के आसपास पानी न जमने दें।