स्वच्छ हिंदी वैश्विक हिंदी अभियान के वटवृक्षों की छांव में फलती-फूलती हिंदी
रोहतक (हरियाणा) संवाददाता प्रेरणा बुडाकोटी: हिंदी दिवस के पूर्व दिवस पर स्वच्छ हिंदी वैश्विक हिंदी अभियान की सहयोगी संस्था प्रज्ञा साहित्यिक मंच रोहतक, प्रेरणा साहित्यिक मंच एवं मस्त नाथ विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया।
मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एल ०सी०वर्मा की संयोजन में हिंदी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर बाबूराम द्वारा कार्यक्रम की नींव रखी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लालचंद गुप्त 'मंगल' रहे। विशिष्ट अतिथि जम्मू से प्रोफेसर वालिया, डॉ मुक्ता (सेवानिवृत्ति निदेशक,हरियाणा साहित्य अकादमी) ने अपने वक्तव्य में हिंदी को विश्व की प्रथम भाषा सिद्ध किया। कार्यक्रम में कई साहित्यकारों को सम्मानित किया गया जिन पर शोध अध्ययन पूर्ण हुए हैं। कई शोधार्थियों को शोध प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
मस्त नाथ विश्वविद्यालय रोहतक हिन्दी एवं हिन्दी साहित्य के संरक्षण संवर्धन के लिए प्रयासरत रहता है। हरियाणा के सभी प्रतिभावान साहित्यकारों को सम्मान देता है। उनके प्रचार प्रसार एवं शोध पर कार्य करता है।
इस कार्यक्रम में प्रज्ञा साहित्यिक मंच के अध्यक्ष डॉ. मधुकांत, डॉ. श्यामलाल कौशल, प्रेरणा साहित्यिक मंच के अध्यक्ष डॉ. जय भगवान सिंगला, शिव शक्ति साहित्य सदन की अध्यक्ष अर्चना कोचर, ऋषि की आवाज पत्र के संचालक कृष्णलाल गिरधर, स्त्री शक्ति संगठन की प्रबंधक कंचन मखीजा, स्त्री शक्ति संगठन एवं स्वच्छ हिंदी वैश्विक हिंदी अभियान की संचालिका ममता शर्मा, अनेक गणमान्य संस्थाओं के अध्यक्ष एवं साहित्यकार उपस्थित रहे।
स्वच्छ हिन्दी वैश्विक हिन्दी अभियान का मुख्य उद्देश्य हिंदी को निर्विवाद रूप से पूरे देश एवं विश्व में स्थापित करना है। इस अभियान में देश का हर व्यक्ति जिसे अपने देश अपनी संस्कृति व ज्ञान से प्रेम है वह अपना सहयोग दे सकता है।