हिंदी महिला समिति में “बिन फेरे हम तेरे” विषय पर गंभीर परिचर्चा
नागपुर (महाराष्ट्र): शहर की अग्रणी संस्था हिंदी महिला समिति द्वारा रविवार को एक संवेदनशील और सामाजिक दृष्टि से गंभीर विषय “बिन फेरे हम तेरे” (लिव-इन रिलेशनशिप) पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। समिति की अध्यक्ष रति चौबे की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में जागरूक महिलाओं ने अपने-अपने विचार रखे।
गीतू शर्मा ने कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप विवाह जैसी पवित्र परंपरा की धज्जियां उड़ाने वाली प्रवृत्ति है। इसके पक्ष में युवा पीढ़ी भले ही आपसी समझ और स्वतंत्रता की दलील देती हो, लेकिन यह सामाजिक विकृति को जन्म देती है।
जयपुर से विमलेश चतुर्वेदी ने इसे पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव बताया और कहा कि भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों की रक्षा करना समाज की जिम्मेदारी है। नागपुर की ममता विश्वकर्मा ने भी इसे रिश्तों की स्थिरता के लिए घातक करार देते हुए विवाह के महत्व को रेखांकित किया। लेखिका सुरेखा सिद्धी ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि यह कदम युवाओं को उम्र के साथ गहरे पश्चाताप की ओर ले जाएगा।
भोपाल से जुड़ीं निवेदिता पाटनी ने लिव-इन को नारी सशक्तिकरण का दुरुपयोग बताते हुए इसे अवसाद और पतन की ओर ले जाने वाला माना। भगवती पंत ने वेद-शास्त्रों के हवाले से कहा कि नारी को देवी स्वरूप माना गया है, लेकिन आधुनिकता की आड़ में संस्कार और त्याग जैसे मूल्य क्षीण होते जा रहे हैं।
विदुषी सखी कविता परिहार ने कहा कि यह विषय अत्यंत विचारणीय है, क्योंकि आधुनिकता की अंधी दौड़ में युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से भटक रही है। सचिव रश्मि मिश्रा ने इसे सामाजिक बुराई बताते हुए इसके उन्मूलन का आह्वान किया।
परिचर्चा के अंत में सभी प्रतिभागियों ने मिलकर इस प्रवृत्ति के विरोध में सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का संकल्प लिया और कार्यक्रम का समापन आभार ज्ञापन के साथ हुआ।