राजयोग, आज की व्यस्त जीवनशैली में मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का सबसे प्रभावी साधन:
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का किया गया भव्य आयोजन!
मानव जीवन को सत्य, प्रेम और कर्तव्य पथ पर अग्रसर करता गीता का उपदेश: बीके अनामिका दीदी
छपरा, 17 अगस्त 2025
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू की स्थानीय इकाई द्वारा शहर के होटल विरासत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान छोटे छोटे बच्चों ने श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित झांकियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया। हालांकि कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर पुष्प अर्पण और नगर निगम की उप महापौर रागिनी कुमारी, पूर्व महापौर राखी गुप्ता, शहर की प्रसिद्ध महिला रोग विशेषज्ञ डॉ बिनोद कुमारी शर्मा, बीके अनामिका दीदी, कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की संगीत शिक्षिका प्रियंका कुमारी और बीके अरविंद भाई सहित कई अन्य के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन से हुई। इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय केंद्र की संचालिका बीके अनामिका दीदी ने बताया कि जन्माष्टमी केवल उत्सव का दिन नहीं बल्कि आत्मजागरण का भी अवसर होता है। क्योंकि श्रीकृष्ण भगवान का जीवन हमें सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों में भी किस तरह से हंसते- खेलते और आनंद पूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण योग और ज्ञान के प्रतीक हैं। उनके मार्ग पर चलकर ही हम सुख और शांति का अनुभव कर सकते हैं। श्रीकृष्ण केवल धर्मरक्षक ही नहीं, बल्कि विश्व के श्रेष्ठ दार्शनिक और जीवन प्रेरक भी थे। हालांकि गीता का उपदेश मानव जीवन को सत्य, प्रेम और कर्तव्य पथ पर अग्रसर करता है। आज के समय में जब समाज में वैमनस्य और भौतिकता बढ़ रही है, जबकि श्रीकृष्ण का संदेश हमें संतुलन, निस्वार्थ भाव और सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
राजयोग, आज की व्यस्त जीवनशैली में मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का सबसे प्रभावी साधन: बीके अरविंद भाई
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आए बीके अरविंद भाई ने जन्माष्टमी के आध्यात्मिक रहस्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण सर्व दैवी गुणों से संपन्न देव शिरोमणि हैं। क्योंकि परमात्मा शिव से सत्य गीता ज्ञान द्वारा अपने जीवन में सर्व शक्तियां धारण कर देव पद प्राप्त किया था। श्रीकृष्ण की बांसुरी जीवन में संपूर्ण आनंद को प्रदर्शित करती है। परमात्मा हमें दैवी गुणों से संपन्न बना रहे हैं ताकि हम स्वर्ग जैसी दुनिया का निर्माण कर सकें। प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के अनुसार राजयोग का अभ्यास करने से व्यक्ति तनाव, भय और नकारात्मकता से मुक्त होकर शांति, शक्ति और आनंद का अनुभव करता है। यह साधना आत्म- परिवर्तन के माध्यम से समाज- परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करती है। राजयोग आज की व्यस्त जीवनशैली में मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का सबसे प्रभावी साधन है। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने माखन चुराने की लीला, गोवर्धन पर्वत उठाने का दृश्य और रसलीला जैसी रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। साथ ही बच्चों की आकर्षक वेशभूषा और अभिनय देखकर उपस्थित जनमानस भाव- विभोर हो उठा। पूरे कार्यक्रम के दौरान वातावरण भक्ति- रस में डूबा रहा। प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन प्रेम, भाईचारे और शांति का संदेश फैलाने के संकल्प के साथ हुआ। इस अवसर पर बीके मोतीलाल भाई, ललन भाई, राजा भाई, धर्मेंद्र रस्तोगी, प्रशांत भाई, राजनारायण साह, मनोज गुप्ता, बीके सोनू बहन, शोभा बहन, वीणा गुप्ता, सीमा बहन, वीणा बहन, प्रियांशु बहन, नेहा बहन सहित कई भाई और बहनें शामिल रही।