सामाजिक संस्थाएं बढ़ चढ़ कर आगे आएं तो किसी भी तरह की कठिनाइयों का समाधान संभव: लोक अभियोजक
ठाकुर बाड़ी महिला कल्याण समिति द्वारा लगभग 50 से अधिक टीबी मरीजों के बीच पोषाहार वितरित: डॉ अंजू सिंह
छपरा, 31 अगस्त 2015
शहर के साधना पूरी स्थित कार्यालय में ठाकुर बाड़ी महिला कल्याण समिति द्वारा आयोजित पोषाहार वितरण समारोह ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि यदि सामाजिक संस्थाएं बढ़ चढ़ कर आगे आएं तो किसी भी तरह की समस्या या कठिनाइयों का समाधान संभव है। उक्त बातें व्यवहार न्यायालय छपरा के लोक अभियोजक (पीपी) सर्वजीत ओझा ने शहर के साधनापुरी स्थित उक्त संस्था द्वारा आयोजित पोषाहार वितरण समारोह के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार की अग्रणी सामाजिक संस्था जो विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के साथ- साथ प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत टीबी मरीजों को गोद लेकर पूरी तरह से स्वस्थ्य करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। क्योंकि टीबी जैसी बीमारी से लड़ाई केवल दवा से नहीं, बल्कि पौष्टिक भोजन और मानसिक सहयोग से ही संभव है। ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित ही समाज के लिए प्रेरणा है और प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस योगदान है। जिले के अन्य सामाजिक संगठनों से अपील की जाती है कि आप सभी प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के तहत जुड़ कर पुनीत कार्य का हिस्सा बने।
संस्था के संरक्षक सह प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक कुमार सिंह ने कार्यक्रम के दौरान मरीजों और उनके परिजनों को समझाया कि उन्हें किन चीजों से परहेज करना चाहिए और किन चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धूम्रपान और शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए तथा दवा की खुराक कभी नहीं छोड़नी चाहिए। वरीय पत्रकार राकेश कुमार सिंह ने कार्यक्रम के अंत में समिति की ओर से उपस्थित नागरिकों और मीडिया प्रतिनिधियों के माध्यम से समाज को संदेश दिया कि टीबी जैसी बीमारी से ग्रस्त मरीजों से दूरी नहीं बनानी चाहिए। यह रोग छूने या पास बैठने से नहीं फैलता है, बल्कि यह केवल तब फैलता है जब लंबे समय तक मरीज के खांसने या छींकने से संक्रमण वाले जीवाणु दूसरे व्यक्ति के फेफड़े में पहुंचते हैं। इसलिए समाज को चाहिए कि मरीजों को सहयोग और हिम्मत दिलाएं और उनकी मदद के लिए आगे आएं।
अवकाश प्राप्त मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमरेंद्र प्रसाद सिंहा ने समिति द्वारा किए जा रहे पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह काम समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। क्योंकि सरकारी योजनाओं के साथ- साथ यदि सामाजिक स्तर पर कार्य करने वाली संस्थाएं भी इसी प्रकार सहयोग करें तो टीबी जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करना आसान हो जाएगा। जिला यक्ष्मा विभाग के जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) हिमांशु शेखर ने कहा कि टीबी की बीमारी शरीर को धीरे- धीरे कमजोर करती है। मरीजों को लंबे समय तक दवाएं लेनी पड़ती हैं और इस दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। ऐसे में पौष्टिक भोजन, विशेषकर प्रोटीन और विटामिन से भरपूर आहार का सेवन बेहद जरूरी है। यदि मरीज को नियमित रूप से पौष्टिक भोजन मिलता है तो दवाओं का असर जल्दी दिखता है और वह जल्द स्वस्थ हो सकता है।
ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संस्थापिका सह प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अंजू सिंह ने कहा कि
टीबी भारत में एक गंभीर चुनौती है। सरकार द्वारा टीबी मुक्त भारत अभियान चलाया जा रहा है और हमारी संस्था उस अभियान को सामाजिक सहयोग देकर आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। हम चाहते हैं कि कोई भी मरीज भूख या पोषण की कमी के कारण दवा का असर खो न दे। हमारा लक्ष्य है कि हर महीने गोद लिए गए मरीजों के बीच पोषाहार वितरण का वितरण किया जाए। क्योंकि इस संस्था का मुख्य उद्देश्य सामाजिक उत्थान और मानव सेवा है। संस्था द्वारा शहरी क्षेत्र और सदर प्रखंड अंतर्गत 9 पंचायतों के लगभग 50 टीबी मरीजों के बीच वितरित किए गए पोषाहार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। क्योंकि टीबी मरीजों के लिए पर्याप्त प्रोटीन और विटामिनयुक्त आहार बेहद जरूरी है। दवाओं के साथ- साथ उचित खानपान ही उन्हें तेजी से स्वस्थ बना सकता है।
इस अवसर पर व्यवहार न्यायालय छपरा के लोक अभियोजक (पीपी) सर्वजीत ओझा, अवकाश प्राप्त मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अमरेंद्र प्रसाद सिंहा, संस्था के संरक्षक सह प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक कुमार सिंह, संस्था की संस्थापिका डॉ अंजू सिंह, डॉ अल्का सिंह, वरीय पत्रकार राकेश कुमार सिंह, धर्मेंद्र रस्तोगी, राजन सिंह, जिला यक्ष्मा विभाग के डीपीसी हिमांशु शेखर, एसटीएस मुकेश कुमार, प्रीति शाही, रजनी कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी और टीबी मरीजों के अलावा अभिभावक मौजूद रहे।