पटना और राजगीर में दो अत्याधुनिक साइबर फॉरेंसिक्स लैब की स्थापना को मिली स्वीकृति
पटना, 29 जुलाई 2025
अपराध अनुसंधान को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बिहार सरकार ने पटना और राजगीर में साइबर फॉरेंसिक्स प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। यह निर्णय नए आपराधिक कानूनों में श्रव्य-दृश्य इलेक्ट्रॉनिक साधनों के प्रयोग और सात वर्ष या उससे अधिक सजा वाले मामलों में फॉरेंसिक सहायता की अनिवार्यता के आलोक में लिया गया है।
बिहार पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार द्वारा गृह विभाग के पत्रांक 3/वि.वि.प्रयो.-03/2024, दिनांक 22.11.2024 के माध्यम से पटना स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला और राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी के क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला में साइबर फॉरेंसिक की एक-एक इकाई स्थापित करने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU), गांधीनगर को परामर्शी के रूप में नामित किया गया है।
इस क्रम में 29 जुलाई 2025 को सरदार पटेल भवन में एक औपचारिक एकरारनामा पर हस्ताक्षर किए गए। पुलिस उप-महानिरीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग, पटना श्री जयंत कांत और NFSU के कार्यपालक निबंधक श्री सी. डी. जडेजा ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। समारोह में बिहार सरकार के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग), पुलिस अधीक्षक (अनुसंधान), एवं NFSU के डीन डॉ. नवीन कुमार चौधरी और डॉ. सतीश भी उपस्थित रहे।
इस एकरारनामा के तहत स्थापित की जा रही साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशालाएं अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगी, जिनमें नेटवर्क विश्लेषण, सुरक्षित डेटा हैंडलिंग एवं निर्धारित मानकों के अनुरूप कार्यस्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। यह पहल साइबर अपराधों की जांच में दक्षता को बढ़ावा देगी तथा न्यायिक प्रक्रिया को सशक्त बनाएगी।

