प्रभारी सचिव की अध्यक्षता में सिवान में संभावित बाढ़ को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न, राहत और बचाव की तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप
/// जगत दर्शन न्यूज
सिवान, 14 जून 2025
आगामी संभावित बाढ़ 2025 के मद्देनज़र पूर्व तैयारियों को लेकर शनिवार को समाहरणालय सभागार सिवान में सचिव, ऊर्जा विभाग-सह-प्रभारी सचिव, सिवान जिला श्री मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित हुई।
बैठक में जिला पदाधिकारी डॉ. आदित्य प्रकाश द्वारा बाढ़ मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुरूप अब तक की गई तैयारियों की विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
प्रभारी सचिव ने समीक्षा के दौरान तटबंधों की सुरक्षा, नावों की उपलब्धता, राहत शिविरों की व्यवस्था, चिकित्सा सुविधाएं तथा पशु चारा आपूर्ति जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय से सभी तैयारियों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया ताकि किसी आपदा की स्थिति में जान-माल की क्षति न्यूनतम हो सके।
बैठक की प्रमुख बातें:
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तटबंधों की निगरानी: घाघरा और झरही नदी पर स्थित 87.30 किमी तटबंधों की सतत निगरानी की जा रही है। 7 नं. गोगरा तटबंध के संवेदनशील स्थलों का संयुक्त निरीक्षण किया जा चुका है।
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नाव एवं बचाव उपकरण: जिले में 8 सरकारी देशी नावों में से 2 परिचालन योग्य हैं, वहीं 71 निजी नावों से अनुबंध किया गया है। साथ ही 330 लाइफ जैकेट और मोटरबोट भी उपलब्ध हैं।
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राहत व आश्रय स्थल: कुल 214 राहत एवं आश्रय स्थल तथा 164 सामुदायिक रसोई केन्द्र चिन्हित किए गए हैं।
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चिकित्सा व्यवस्था: सर्पदंश व रेबीज जैसी आपदाजन्य बीमारियों के लिए सदर अस्पताल सहित सभी केंद्रों पर पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं। 325 एंटी स्नेक वेनम और 478 एंटी रेबीज वैक्सीन स्टॉक में हैं। मोबाइल मेडिकल टीमों का गठन किया गया है।
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खाद्य व पशु चारा: चना, चूड़ा, गुड़ आदि की आपूर्ति की प्रक्रिया जारी है। पशु चारे के लिए दर तय कर लिया गया है।
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सड़क व पुल-पुलिया: सभी पुल-पुलिया व वेंट की सफाई कर दी गई है, शेष बचे कार्य 15 जून तक पूरे कर लिए जाएंगे।
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आपातकालीन केंद्र: जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24x7 सक्रिय है। संपर्क: 06154-242000, 242001 और मोबाइल 9473328100।
बैठक में जिलास्तरीय सभी लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारी, सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारी, बाढ़ नियंत्रण, जल निस्सरण, नहर और सिंचाई विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे। प्रभारी सचिव ने अधिकारियों को बाढ़ पूर्व तैयारियों को जमीनी स्तर तक लागू करने का निर्देश दिया।