सेवा कुटीर सारण ने किया कमाल, खोए हुए युवक को परिजनों से मिलवाया!
///जगत दर्शन न्यूज
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: सामाजिक कल्याण विभाग, बिहार सरकार एवं जन संपर्क विभाग की देखरेख में संचालित सेवा कुटीर, सारण ने एक मिसाल कायम करते हुए मानसिक अवसाद से ग्रसित और वर्षों से घर से बिछड़े एक युवक को उसके परिजनों से मिलवाया।
सेवा कुटीर में आवासित कमरे आलम उर्फ अक्षय, ग्राम – हेरौता, जिला – शिवहर, बिहार के निवासी हैं। वह 14 अगस्त 2024 को छपरा बाईपास पर भीख मांगते मिले थे। क्षेत्र समन्वयक की नजर उन पर पड़ी और दो-तीन दिन की लगातार निगरानी व संवाद के बाद यह समझ आया कि वह किसी गहरी मानसिक पीड़ा यानी डिप्रेशन से गुजर रहे हैं।
इसके बाद अक्षय को सेवा कुटीर लाया गया। उन्हें स्नान, वस्त्र और सुरक्षित आश्रय देने के साथ-साथ मानसिक चिकित्सा व परामर्श की सुविधा दी गई। धीरे-धीरे जब अक्षय की स्थिति में सुधार हुआ, तो उन्होंने अपने गांव और परिवार के बारे में जानकारी दी। इस सूचना के आधार पर प्रशासनिक सहयोग से उनके परिजनों का पता लगाया गया, और दिनांक 04 जून 2025 को उनके परिजन सेवा कुटीर छपरा पहुंचे। वर्षों बाद अपनों को सामने देखकर अक्षय और उनका परिवार भावविभोर हो गया।
अक्षय ने बताया कि वह लगभग 10 वर्षों तक दिल्ली में सिलाई का काम करते थे। लेकिन 2020 की कोरोना महामारी के दौरान वह मानसिक तनाव में आ गए। शिवहर लौटते वक्त वह रास्ता भटक गए और करीब 5 वर्षों तक अपने घर से दूर रहे। इस दौरान परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। सेवा कुटीर की टीम ने अद्भुत सेवा भाव से कार्य करते हुए न केवल अक्षय को नया जीवन दिया बल्कि परिवार से पुनर्मिलन भी कराया।
यह उपलब्धि सारण सेवा कुटीर की एक प्रेरणादायक और मानवीय पहल को दर्शाती है, जो सरकार की "निराश्रितों को आश्रय व पुनर्वास" योजना का एक जीवंत उदाहरण है।