मुजफ्फरपुर में उपेंद्र कुशवाहा का महा सम्मेलन, शिक्षा और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर गरजे पूर्व मंत्री!
///जगत दर्शन न्यूज
मुजफ्फरपुर (बिहार): रालोजपा के प्रमुख और बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को मुजफ्फरपुर के ऐतिहासिक श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल परिसर में कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ के बीच "शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय" के मुद्दों पर केंद्रित महा सम्मेलन को संबोधित किया। इस महा सम्मेलन में बिहार के विभिन्न जिलों से आए हजारों लोगों ने भाग लिया।
सम्मेलन की शुरुआत राष्ट्रगान और दीप प्रज्वलन से हुई। उपेंद्र कुशवाहा ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार की मौजूदा सरकार शिक्षा के मुद्दे पर पूरी तरह असफल रही है। शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और विद्यालयों की बदहाल स्थिति पर उन्होंने सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यदि बिहार को आगे बढ़ाना है तो सबसे पहले शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना होगा।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आज की राजनीति जातिवाद और तुष्टिकरण के दलदल में फंसी हुई है, जिससे गरीब, पिछड़े और वंचित तबके के लोगों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने सामाजिक न्याय की पुनर्परिभाषा की आवश्यकता बताते हुए कहा कि यह केवल नारेबाजी तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसका सीधा असर जमीन पर दिखना चाहिए।
कुशवाहा ने अपनी पार्टी की भावी रणनीति का संकेत देते हुए कहा कि आने वाले समय में रालोजपा राज्यभर में जन जागरण अभियान चलाएगी, जिसमें शिक्षा सुधार, बेरोजगारी के खिलाफ संघर्ष और युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए आवाज उठाई जाएगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे गाँव-गाँव जाकर आम जनता को जोड़ें और रालोजपा को मजबूत करें।
सम्मेलन में पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं, बुद्धिजीवियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और अपने विचार रखे। मंच से शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, युवाओं की भूमिका और सामाजिक समरसता जैसे विषयों पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम के अंत में उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि रालोजपा आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने मुद्दों के दम पर मजबूती से मैदान में उतरेगी और जनता के बीच एक नई राजनीतिक सोच लेकर जाएगी।
मुजफ्फरपुर का यह सम्मेलन रालोजपा के लिए न केवल शक्ति प्रदर्शन का मंच बना, बल्कि आगामी राजनीतिक रणनीति का संकेत भी देता नजर आया।