फलों का सरताज है आम!
✍️ डॉ. कविता परिहार, नागपुर (महाराष्ट्र)
पेड़ों में लटकते आम बरबस ही हमारा ध्यान खींच लेते हैं। आम तरह-तरह के होते हैं, जैसे– अल्फांसो, नीलम, तोतापरी, दशहरी, सेंदरी, लंगड़ा, कलमी, चौसा और अचार के लिए उपयोगी खास किस्में। आम एक ऐसा रसीला मौसमी फल है, जिसका खट्टा–मीठा स्वाद सदियों से इंसान की पहली पसंद रहा है।
हमारे भारतवर्ष का आम विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। भारत से लगभग 35 से 40 देशों में आम का निर्यात होता है। आम का स्वाद जहाँ मधुर होता है, वहीं यह पौष्टिकता से भी भरपूर होता है। इसमें विटामिन 'बी' के अलावा विटामिन 'सी' भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
आम के पत्ते, छाल, कच्चा फल, गुठली और पका फल – सभी किसी न किसी उपयोग में लाए जाते हैं। कहावत भी है – "नाम क्या, गुठली के भी दाम!" आम का उपयोग चटनी, मुरब्बा, जैम, शरबत, सूखी खटाई और अचार बनाने में किया जाता है। यह किफायती होने के साथ-साथ सर्वसुलभ और औषधीय गुणों से भरपूर फल है।
गर्मी के मौसम में लू लगने पर कैरी (कच्चे आम) का शरबत, पुदीना, भुना जीरा, काला नमक और चीनी मिलाकर पीने से लू की आशंका समाप्त हो जाती है। यदि गर्मियों में नियमित रूप से इसका सेवन किया जाए, तो लू से बचाव संभव है। आम के सेवन से स्मरण शक्ति बढ़ती है, और रेशेदार आम कब्ज की समस्या को दूर करता है। यह शक्ति और स्फूर्ति प्रदान करने वाला गुणकारी फल है।
महाराष्ट्र में तो आमरस खाने के लिए रिश्तेदारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता है – यह एक पारिवारिक रिवाज बन चुका है। मैंगो शेक, मैंगो कुल्फी और मैंगो आइसक्रीम का भी अपना अलग ही मजा है।
हालाँकि, जिन्हें शुगर की समस्या है, उन्हें आम का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में आम खाने से मोटापा भी बढ़ सकता है। वहीं, आम का अचार और मुरब्बा खाने का स्वाद कई गुना बढ़ा देते हैं।
निस्संदेह, आम फलों का राजा है – आप भी इसका आनंद लीजिए, अपने-अपने अंदाज़ में!