विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम में डॉ. अल्का सिंह ने बताए तंबाकू के घातक प्रभाव!
सारण (बिहार): ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर स्थानीय शाखा कार्यालय साधनापूरी, छपरा में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष की थीम 'उज्ज्वल उत्पाद, अंधकारमय इरादे, अपील को उजागर करना' पर आधारित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. अल्का सिंह ने लोगों को तंबाकू उपयोग के खतरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. सिंह ने कहा कि इस दिवस का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत कराना, इसके उपयोग से बचने की प्रेरणा देना तथा स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना है। उन्होंने बताया कि तंबाकू उत्पादों की पैकेजिंग और विज्ञापन युवाओं को आकर्षित करने के लिए रंगीन और भ्रामक तरीके से प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे वे इसकी चपेट में आ जाते हैं। उन्होंने भारत सरकार द्वारा लागू सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 (COTPA) की जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत तंबाकू के प्रचार-प्रसार पर रोक है और शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध है।
डॉ. सिंह ने तंबाकू के दुष्परिणामों पर आंकड़ों सहित प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रतिदिन इससे जुड़ी बीमारियों के चलते देश में करीब 2200 से 3699 लोगों की मौत होती है, और तंबाकू से संबंधित कैंसर से होने वाली मौतों में इसकी हिस्सेदारी 40% तक है। भारत में वर्तमान में लगभग 25.1 करोड़ वयस्क तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें 79% पुरुष और 21% महिलाएं हैं। पैसिव स्मोकिंग (दूसरों के धुएं से होने वाला प्रभाव) से सालाना लगभग 13 लाख लोगों की जान जाती है, जो चिंताजनक है।
कार्यक्रम में समिति की सदस्य प्रीति शाही, मणि शाही, कुंती देवी, सुमन सिंह, सुरभि और अंजलि सहित दर्जनों महिलाएं मौजूद रहीं। कार्यक्रम का संचालन अरजीत सिंह ने किया और उन्होंने उपस्थित लोगों से तंबाकू मुक्त जीवन की दिशा में संकल्प लेने की अपील की।
इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं ने भी तंबाकू उन्मूलन को लेकर अपने विचार व्यक्त किए और इस सामाजिक बुराई के खिलाफ एकजुट होकर जनजागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।