हाथीपांव के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण, सेल्फ केयर के बारे दिया गया प्रशिक्षण!
•6 मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए किया गया आवेदन
•सीएचसी भोरे में हुआ एमएडीपी कीट का वितरण
•5 से 15 वर्ष में दिखते फाइलेरिया के लक्षण
गोपालगंज (बिहार): फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत हाथीपांव के चिन्हित मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोरे में 30 हाथीपांव के मरीजों के बीच एमएमडीपी कीट का वितरण किया गया। इसके साथ हीं वीडीसीओ राजेश कुमार और पिरामल के प्रोग्राम लीड मिथिलेश कुमार के द्वारा सेल्फ केयर के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। मरीजों को एमएमडीपी किट के माध्यम से टब, टॉवल, साबुन, क्रीम, लोशन विशेष प्रकार की चप्पल जैसे कई महत्वपूर्ण सामग्री दी जा रही है। जिससे की फाइलेरिया पीड़ित मरीज एमएमडीपी किट से खुद को स्वच्छ रख अपना बचाव कर सकें। वहीं इस बीमारी से दिव्यांग हुए मरीजों को चिह्नित कर उनका ऑनलाइन पंजीकरण किया जा रहा है और सरकार योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिया जा रही है। इस दौरान 6 चिन्हित मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया। इस पहल का उद्देश्य है कि फाइलेरिया से दीर्घकालिक रूप से प्रभावित मरीजों को सरकारी योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा लाभ का पूरा हक मिल सके, जिसके लिए विकलांगता प्रमाण पत्र आवश्यक होता है। इस मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ऋषु कुमार, रोहित कुमार (बीएचएम), राजेश कुमार (वीडीसीओ), मिथिलेश कुमार (पिरामल), आशुतोष कुमार (पीओ), अभिजीत कुमार (पीओ), अमित सौरभ (कैम्प प्रभारी) मौजूद थे।
5 से 15 वर्ष में दिखते फाइलेरिया के लक्षण:
वीडीसीओ राजेश कुमार ने बताया कि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। लेकिन संक्रमण के लक्षण पांच से 15 वर्ष में उभरकर सामने आते हैं। इससे या तो व्यक्ति को हाथ-पैर में सूजन की शिकायत होती है या फिर अंडकोष में सूजन आ जाती है। महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है। फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है।
क्या हैं एमएमडीपी किट के फायदे:
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण के अनुसार हाथीपांव से पीड़ित मरीजों के लिए एमएमडीपी किट काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि, इस किट में कई सामान और दवाइयां होती है. जिसके इस्तेमाल से हाथीपांव से पीड़ित मरीजों को राहत मिलती है। उन्होंने बताया कि इस किट का इस्तेमाल करने के लिए भी हाथीपांव के मरीजों की समय-समय पर प्रशिक्षण आयोजित कर जानकारी दी जाती है। इस किट में एक विशेष प्रकार का चप्पल भी होता है जो हाथीपांव के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद होता है। क्योंकि, हाथीपांव के मरीजों को इंफेक्टेड हिस्से को धूल और गंदगी से बचाना होता है। इसके अलावा उस हिस्से को साफ करने के लिए साबुन और लगाने के लिए क्रिम भी दिया जाता है।