बिहार विधान सभा चुनाव की तैयारी को लेकर BLO शिक्षकों में असमंजस, जिलाधिकारी के आदेश के बीच उठे सवाल!
गोपालगंज (बिहार): आगामी बिहार विधान सभा चुनाव 2025 की तैयारी को लेकर जिला प्रशासन ने BLO शिक्षकों की बैठक और प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर सख्त निर्देश जारी किया है, लेकिन इस बीच ग्रीष्मावकाश पर चल रहे शिक्षकों के बीच भ्रम और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी (सह-जिला पदाधिकारी) गोपालगंज द्वारा 7 जून को जारी पत्रांक 452 के अनुसार, सभी सहायक निर्वाची पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि 9 जून को बीएलओ मूल्यांकन से पूर्व सभी BLO शिक्षकों को मोबाइल ऐप, शपथ पत्र, प्रतिवेदन आदि विषयों पर तैयारी सुनिश्चित करनी है। यह मूल्यांकन कार्य विधान सभा चुनाव की पारदर्शिता और तैयारी की दृष्टि से अहम बताया गया है।
वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर वायरल एक संदेश के अनुसार, पंचदेवरी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा सभी BLO शिक्षकों को 9 जून को जमुनहा उच्च विद्यालय में 10:30 बजे अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया गया है। साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि अनुपस्थिति की स्थिति में विभागीय कार्रवाई होगी और जवाबदेही तय की जाएगी।
शिक्षकों में उठे सवाल:
- वर्तमान समय में स्कूलों में ग्रीष्मावकाश चल रहा है, और अधिकांश शिक्षक परिवार सहित बिहार से बाहर यात्रा पर हैं।
- ऐसे में अचानक 9 जून को मीटिंग और मूल्यांकन के आदेश ने शिक्षकों को असमंजस में डाल दिया है।
- कई शिक्षकों ने सवाल उठाया है कि जब वे BLO के रूप में नियुक्त हैं, लेकिन शैक्षणिक अवकाश पर हैं, तो क्या इस अवधि में उनकी उपस्थिति बाध्यकारी मानी जाएगी?
फेसबुक पर एक शिक्षक रोशन गुप्ता ने पोस्ट करते हुए कहा, “80% शिक्षक बाहर घूमने चले गए हैं, अब एक दिन पहले मीटिंग का आदेश आ रहा है — यह व्यवहारिक नहीं है। बैठक में नहीं आने पर कार्रवाई की बात कही जा रही है, लेकिन असल में यह आदेश शिक्षक हित में नहीं दिख रहा। ऐसी बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ द्वारा दिशा निर्देश है कि अवकाश के अवधि में शिक्षकों को कार्य पर न लगाया जाए।”
मांगें और समाधान की अपेक्षा:
शिक्षकों ने मांग की है कि यदि BLO मूल्यांकन बैठक आवश्यक है, तो इसके लिए एक पूर्व सूचना और स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएं, ताकि अवकाश पर गए शिक्षक समय रहते लौट सकें या वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके।
वहीं, शिक्षक संघों का कहना है कि यदि ग्रीष्मावकाश के दौरान कोई अनिवार्य ड्यूटी हो, तो उसकी सूचना कम-से-कम एक सप्ताह पूर्व दी जानी चाहिए। नहीं तो यह संविधानिक अवकाश के अधिकार का उल्लंघन माना जाएगा।
बिहार विधान सभा चुनाव 2025 को लेकर प्रशासन गंभीर दिख रहा है, लेकिन BLO शिक्षकों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उनके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश और लचीलापन आवश्यक है, जिससे चुनाव कार्य और शिक्षक अधिकार दोनों का संतुलन बना रहे।