बिहार शिक्षा विभाग में बड़े बदलाव: बायोमेट्रिक हाजिरी, करियर सेंटर, कोचिंग नियमावली और तबादला प्रक्रिया में तेजी!
/// जगत दर्शन न्यूज
पटना। बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ाने को लेकर कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनमें सरकारी स्कूलों में छात्रों की बायोमेट्रिक हाजिरी, प्रत्येक प्रखंड में आवासीय करियर सेंटर की स्थापना, कक्षा-वार मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन, शिक्षक ट्रांसफर प्रक्रिया में सुधार और कोचिंग संस्थानों पर सख्ती जैसे कई बड़े कदम शामिल हैं।
बायोमेट्रिक हाजिरी और रचनात्मकता को बढ़ावा
अब राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से ली जाएगी। इसके अलावा छात्रों की रचनात्मक लेखन क्षमता को प्रोत्साहित करने के लिए कक्षा-वार मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन भी किया जाएगा। इससे न केवल उनकी अभिव्यक्ति कौशल में वृद्धि होगी, बल्कि शिक्षा के प्रति रुचि भी बढ़ेगी।
हर प्रखंड में बनेगा करियर सेंटर
राज्य के सभी 538 प्रखंडों में 'आवासीय करियर सेंटर' खोले जाएंगे। इन केंद्रों में सरकारी शिक्षक खुद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए मुफ्त कोचिंग देंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन सुलभ हो सकेगा।
कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन तैयार
शिक्षा विभाग ने कोचिंग संस्थानों के संचालन के लिए सख्त विनियमावली तैयार की है, जिसके तहत अब कोई भी सरकारी शिक्षक कोचिंग नहीं चला सकेंगे। साथ ही फीस, बुनियादी ढांचे, छात्र सुरक्षा और रजिस्ट्रेशन से संबंधित दिशानिर्देशों को अनिवार्य किया जाएगा। यह नियमावली विधि विभाग की मंजूरी के बाद लागू की जाएगी।
शिक्षकों के तबादले में तेजी
अब तक 1.30 लाख शिक्षकों के तबादले किए जा चुके हैं। इनमें से 6,390 शिक्षकों ने अपनी इच्छा से ट्रांसफर आवेदन वापस भी ले लिया है। शिक्षा विभाग के अनुसार, सभी ट्रांसफरशुदा शिक्षकों को 20 जून तक नई पोस्टिंग दी जाएगी और वे 30 जून तक अपने कार्यस्थल पर योगदान करेंगे।
इन सभी निर्णयों से स्पष्ट है कि बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था को अधिक उत्तरदायी, पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। ये सुधार न केवल छात्रों को बेहतर वातावरण देंगे बल्कि पूरे शैक्षणिक ढांचे को नया आयाम भी देंगे।