बिहार पुलिस की अनूठी पहल: ‘Cyber Hackathon 2025’ का उद्घाटन, देशभर से जुटे तकनीकी नवाचार के धुरंधर!
पटना (बिहार) 25 जून 2025
साइबर अपराधों की रोकथाम और तकनीकी समाधान खोजने के उद्देश्य से बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने एक नई शुरुआत की है। बिहार पुलिस के मुख्यालय, आर्थिक एवं साइबर अपराध प्रभाग, पटना में आज "Cyber Hackathon 2025" का भव्य शुभारंभ हुआ। इस दो दिवसीय आयोजन का उद्घाटन अपर पुलिस महानिदेशक (ADG), आर्थिक अपराध इकाई श्री नैयर हसनैन खान के करकमलों से किया गया। इस आयोजन को C-DAC पटना का तकनीकी सहयोग प्राप्त है।
कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट है — तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं को एक ऐसा मंच देना, जहाँ वे देश में बढ़ते साइबर अपराधों की जटिल चुनौतियों का समाधान खोज सकें। साथ ही, इन नवाचारों को पुलिस की फील्ड यूनिट में लागू कर पीड़ितों को त्वरित न्याय और राहत प्रदान की जा सके।
देशभर से चुनी गई 14 सर्वश्रेष्ठ टीमें
Cyber Hackathon 2025 के लिए देश के कोने-कोने से कुल 302 टीमें आवेदनकर्ताओं के रूप में सामने आईं। कड़े तकनीकी मूल्यांकन के बाद 14 टीमों का चयन किया गया, जिनमें कुल 55 प्रतिभागी, जिनमें से 16 महिलाएं भी शामिल रहीं। चयनित प्रतिभागियों को 24 घंटे के भीतर रियल-टाइम साइबर चुनौतियों का तकनीकी समाधान प्रस्तुत करने की चुनौती दी गई है।
प्रमुख तकनीकी चुनौतियाँ:
प्रतिभागियों को जिन समस्या कथनों (Problem Statements) पर कार्य करना है, वे हैं —
वॉयस फ्रॉड मिटिगेशन
एआई आधारित साइबर थ्रेट डिटेक्शन
फिशिंग डिटेक्शन
स्पैम अलर्ट सिस्टम
डॉक्यूमेंट सुरक्षा प्रणाली
फेक न्यूज की पहचान और नियंत्रण
बैंकिंग सेक्टर में मनी लॉन्ड्रिंग डिटेक्शन
मोबाइल फॉरेंसिक टूल्स और VoIP कॉल ट्रेसिंग आदि।
इन विषयों पर आधारित नवाचारों का मूल्यांकन साइबर विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों की टीम द्वारा किया जाएगा।
तकनीकी नवाचार के योद्धाओं का जमावड़ा
प्रतिभागियों में देश के कई प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्र शामिल हैं, जैसे — IIIT कल्याणी, IIIT रांची, NIT पटना, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय और कई अन्य। ये छात्र तमिलनाडु, गुजरात, झारखंड, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार से आए हैं।
ADG ने किया छात्रों का उत्साहवर्धन
उद्घाटन अवसर पर ADG श्री नैयर हसनैन खान ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि "इस हैकथॉन का उद्देश्य केवल तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि पीड़ित केंद्रित समाधान विकसित करना है, जिससे साइबर अपराध के शिकार लोगों को त्वरित राहत मिल सके।"
उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे समाज के हित में तकनीक का रचनात्मक और नैतिक उपयोग करें, जिससे नागरिकों का डिजिटल जीवन अधिक सुरक्षित और संरक्षित हो।
पुरस्कार वितरण समारोह कल
26 जून 2025 को कार्यक्रम के समापन अवसर पर पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ नवाचार प्रस्तुत करने वाली टीमों को निम्नलिखित पुरस्कार दिए जाएंगे:
प्रथम पुरस्कार: ₹30,000
द्वितीय पुरस्कार: ₹20,000
तृतीय पुरस्कार: ₹10,000
कार्यक्रम की थीम — “Innovate. Secure. Transform.” — अपने आप में बिहार पुलिस की साइबर सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का परिचायक है।