विश्व रक्तदाता दिवस-
"रक्त दो, उम्मीद दो, साथ मिलकर हम जिंदगियां बचा सकते हैं"। रक्तवीरों ने किया रक्तदान!
रक्त की कमी को पूरा करने के लिए 13 जुलाई तक मनाया जाएगा रक्तदान शिविर: सिविल सर्जन
जरूरतमंद को एक नई जिंदगी देने में रक्तदाताओं की अहम भूमिका: अधीक्षक
सिवान (बिहार): रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों को हर हाल में खून की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आप सभी रक्तदाताओं को बढ़ चढ़ कर आगे आने की जरूरत है। क्योंकि जब तक रक्तकेंद्र में रक्त की आपूर्ति नहीं होगी तब तक रक्तकेंद्र के द्वारा रक्त की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता है। उक्त बातें सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में आयोजित विश्व रक्तदान शिविर के आयोजन के दौरान कही। हालांकि सिवान जिले में रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के अलावा निजी तौर पर रक्तदान किया जाता है। क्योंकि नियमित रूप से रक्तदाताओं के द्वारा रक्तदान कर लोगों की जरूरत को पूरा किया जाता है। साथ ही कई अन्य संगठनों द्वारा समय- समय पर रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया जाता है। इसके अलावा रक्तकेंद्र के अधिकारी और कर्मियों सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मियों द्वारा भी रक्तदान किया जाता है ताकि किसी को रक्त की कमी नही हो। इसके अलावा रक्तकेंद्र के नोडल अधिकारी डॉ अनूप कुमार दुबे और परामर्शी सुनीति कुमारी श्रीवास्तव के द्वारा लगभग एक दर्जन से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं का समूह तैयार किया गया है जो कभी भी रक्त की जरूरत होने पर निःशुल्क रक्तदान कर जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध करवाते हैं। इस बार 14 जून से 13 जुलाई तक रक्तदान माह मनाया जा रहा है।
सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि रक्तदान करने से किसी प्रकार से कोई समस्या उत्पन्न नही होती है। लेकिन यह शरीर में नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और आपको स्वस्थ्य रखता है। रक्तदान से ह्रदयाघात की संभावना कम होती है। रक्त विकार संबंधी कई ऐसी बीमारियां हैं, जिसके लिए रक्त की जरूरत होती है। ऐसे में उनलोगों का ध्यान रखना भी सभी की जिम्मेदारी हो जाती है। रक्त विकार की समस्याओं जैसे- थैलेसीमिया, हीमोफीलिया व ब्लड कैंसर से प्रभावित लोगों को रक्त की हमेशा जरूरत होती है। एनीमिया प्रभावित गर्भवती महिलाओं के प्रसव संबंधी जोखिम को कम करने के लिए भी रक्त की जरूरत होती है। अत्यधिक रक्तस्राव से प्रसूता की जान भी जा सकती है। वहीं अन्य प्रकार के सर्जरी के दौरान भी रक्त की जरूरत लोगों को होती है। ऐसे समय के लिए अधिकतर लोग ब्लड बैंक पर ही निर्भर होते हैं। खून की आवश्यकता की पूर्ति तभी संभव है जब ब्लड बैंक में पर्याप्त खून का भंडारण किया गया हो। ऐसे में एक स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा रक्तदान किया जाना महादान माना जाता है।
रक्तकेंद्र के नोडल अधिकारी डॉ अनूप कुमार दुबे ने बताया कि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा आयोजित विश्व रक्तदान शिविर में लगभग 250 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि वित्तीय वर्ष अप्रैल 2024- 2025 में रक्तकेंद्र द्वारा 32 रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया था। जिसके आधार पर पूरे राज्य में रक्तदान शिविर आयोजित करने में सिवान को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। हालांकि डायट सेंटर के एसपी सिंह, लक्ष्मी नर्सिंग होम के राजमन सिंह, विद्या भवन महिला महाविद्यालय की रीता सिन्हा, लायंस क्लब के अरविंद पाठक, नेहरू युवा केंद्र, एचडीएफसी के अभिषेक श्रीवास्तव, सारथी डीबीडीटी के नेमतुल्लाह खान, संत निरंकारी के रमेश सिंह, पुलिस लाइन के डॉ मोहम्मद मोशीन, सरस्वती सुमन के डॉ सुनील कुमार, सिवान सीटी हॉस्पिटल के सदा कमर, रवि सेवा सदन के रूपेश कुमार तिवारी, एसबीडीसी नीलेश वर्मा नील, सोसाइटी हेल्पर ग्रुप के अनमोल कुमार, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य मीडिया के साथियों को उत्कृष्ट कार्य करने और सहयोग करने वाले को सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल कुमार सिंह और रक्तकेंद्र के नोडल अधिकारी डॉ अनूप कुमार दुबे के द्वारा प्रमाण पत्र और मोमेंटो से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जी एन एम सीमा कुमारी, राज नंदिनी, सोनी कुमारी, डी ई ओ रानी और सुनिता के अलावा लैब टेक्नीशियन अविनाश और रवि रंजन सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।