अब शिक्षकों को मिलेगा अपनी पसंद के स्कूल में तबादले का विकल्प, ई-शिक्षाकोष के माध्यम से करेंगे चयन!
पटना, 26 जून 2025
बिहार सरकार ने राज्य के शिक्षकों को एक बड़ी राहत देते हुए स्वेच्छा से आपसी स्थानांतरण की नई व्यवस्था लागू की है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ की ओर से सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में इस व्यवस्था की जानकारी दी गई है।
पत्र के अनुसार, शिक्षकों को अब ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से स्वयं अपने स्थानांतरण का आवेदन करने की सुविधा उपलब्ध होगी। शिक्षक एक जैसे पद और विषय के अन्य शिक्षकों के साथ अधिकतम 10 सदस्यों का समूह बना सकते हैं और आपसी सहमति से परस्पर स्थानांतरण कर सकते हैं। मसलन, एक ही विषय जैसे गणित, भौतिकी, रसायन या किसी विशेष श्रेणी — नियमित शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक या विद्यालय शिक्षक — में स्थानांतरण संभव होगा।
इस व्यवस्था के तहत शिक्षक अपने जिले, प्रखंड या अनुमंडल में इच्छुक शिक्षकों की सूची ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर देख सकेंगे और OTP आधारित मोबाइल नंबर के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। एक बार जब समूह के सभी सदस्य OTP के माध्यम से अपनी सहमति प्रदान कर देंगे, तो तीन कार्यदिवसों के भीतर स्थानांतरण आदेश जारी कर दिया जाएगा।
शर्तें भी होंगी सख्त
हालांकि, व्यवस्था में यह प्रावधान भी रखा गया है कि यदि समूह के किसी एक भी शिक्षक ने निर्धारित समय के भीतर (7 दिनों में) नए विद्यालय में योगदान नहीं दिया, तो पूरे समूह का स्थानांतरण आदेश स्वतः रद्द हो जाएगा।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस प्रक्रिया में जिला स्तर या राज्य स्तर पर किसी प्रकार की स्थापना समिति की भूमिका नहीं होगी। पूरा स्थानांतरण प्रक्रिया शिक्षक और ई-शिक्षाकोष प्रणाली के माध्यम से ही सम्पन्न होगी।
चूंकि इस वर्ष जून में पहले से ही स्थानांतरण हुए हैं, इसलिए यह विशेष सुविधा 10 जुलाई से पूरे जुलाई माह तक के लिए चालू रहेगी।
सरकार का यह कदम ऐसे समय में आया है जब बड़ी संख्या में शिक्षक अपने नए विद्यालय से असंतुष्ट हैं या जिन स्कूलों से स्थानांतरण हुआ है, वे अब शिक्षकविहीन हो चुके हैं। इससे न केवल शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। इस नई नीति के तहत शिक्षकों को न केवल विकल्प मिलेगा, बल्कि स्कूलों में रिक्तियों को भी समय पर भरा जा सकेगा।
यह नई व्यवस्था शिक्षकों की संतुष्टि और विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास मानी जा रही है।