ब्राह्मण समाज की प्रतिभाओं को समर्पित भव्य सम्मान समारोह – बिर्रा में हुआ सांस्कृतिक गौरव का आयोजन!
✍️प्रेरणा बुड़ाकोटी
बिर्रा (जांजगीर-चांपा): भगवान परशुराम ब्राह्मण विकास समिति, जिला जांजगीर-चांपा द्वारा आयोजित जिला स्तरीय सम्मान समारोह का आयोजन अत्यंत गरिमामयी एवं प्रेरणादायक वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम आचार्य चाणक्य सभागार बिर्रा में हुआ, जिसमें जिलेभर से पधारे विद्यार्थियों, समाजसेवियों, मातृशक्ति, युवाओं और ब्राह्मण समाज के वरिष्ठजनों ने भारी संख्या में भाग लिया।
समारोह का उद्देश्य समाज में उभरती प्रतिभाओं को मंच देना, शैक्षणिक और सामाजिक उपलब्धियों को मान्यता देना और संगठनात्मक एकता को बल देना रहा। विद्यार्थियों, प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित युवाओं, सांस्कृतिक क्षेत्र के प्रतिभागियों और समाजसेवकों को सम्मानित कर उन्हें समाज के लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रजनीश पांडेय (प्रथम एवं अराध्या हॉस्पिटल, बिलासपुर) ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में पं. राजेंद्र शर्मा (संस्थापक – भावनात प्रवाह टेलर समिति) उपस्थित रहे। मंच पर डॉ. शुभम शुक्ला, पं. देवप्रभात तिवारी, पं. मनोज पांडेय, पं. योगेश शर्मा, पं. दिलीप पांडेय, पं. घनश्याम तिवारी और जैसे समाज के प्रेरणादायी व्यक्तित्व विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे।
आयोजन को सफल बनाने में समिति के पदाधिकारियों का विशेष योगदान रहा। पं. धनेश मिश्रा (जिलाध्यक्ष), पं. शैलेश दुबे (सचिव), डॉ. विश्वनाथ तिवारी (कोषाध्यक्ष), पं. कमलेश पांडेय (कार्यकारी अध्यक्ष), पं. उपेंद्र तिवारी, पं. योगेश गोस्वामी, पं. अजयकांत तिवारी, पं. सोमनाथ तिवारी, पं. रंजीत त्रिपाठी, श्रीमती प्रतिमा दुबे आदि ने सेवा, समर्पण और संगठित प्रयास के साथ आयोजन को सफल बनाया।
संयोजक एवं संरक्षक – पं. मनोज कुमार तिवारी, पं. एल.एल. पांडेय और पं. शैलेश दुबे के मार्गदर्शन में कार्यक्रम की हर व्यवस्था जैसे मंच संचालन, सांस्कृतिक प्रस्तुति, प्रतिभा चयन, सम्मान-स्मृति चिन्ह वितरण आदि अत्यंत अनुशासित ढंग से पूर्ण हुई। मंच से विद्यार्थियों और समाजसेवियों ने भी अपने अनुभव और विचार साझा किए, जिससे सभागार में प्रेरणा और आत्मबल का संचार हुआ।
समारोह का समापन धन्यवाद ज्ञापन, राष्ट्रगान एवं सामूहिक संकल्प के साथ हुआ, जिसमें तय किया गया कि यह आयोजन प्रतिवर्ष एक परंपरा के रूप में आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम आचार्य चाणक्य सभागार बिर्रा में हुआ – यह स्थान अब समाज की स्मृति में सम्मान, संस्कृति और संगठन के प्रतीक रूप में अंकित हो गया है।