माँ और शिशु की बेहतर देखभाल अब "किलकारी और मोबाइल एकेडमी" से!
•डिजिटल सेवा के ज़रिए गर्भवती महिलाओं को मिलेगी सही समय पर स्वास्थ्य जानकारी
•9 प्रखंडों की आशा कार्यकर्ताओं ने 100% मोबाइल एकेडमी कोर्स पूरा किया
///जगत दर्शन न्यूज
सारण (बिहार): डिजिटल इंडिया अभियान के तहत मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा शुरू की गई दो विशेष मोबाइल सेवाएं – किलकारी और मोबाइल एकेडमी – अब सारण जिले में भी असर दिखा रही हैं। जिले के 9 प्रखंडों की आशा कार्यकर्ताओं ने 100% मोबाइल एकेडमी कोर्स पूरा कर एक मिसाल कायम की है।
इस उपलब्धि को लेकर सदर अस्पताल सभागार में एक भव्य कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक एवं मूल्यांकन एवं अनुश्रवण सहायक शामिल हुए। कार्यशाला का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने पारंपरिक रूप से दीप प्रज्वलन के साथ किया।
सिविल सर्जन डॉ. सिन्हा ने मोबाइल एकेडमी कोर्स पूर्ण करने और RCH पोर्टल पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अरविंद कुमार, क्षेत्रीय आशा समन्वयक संतोष कुमार, क्षेत्रीय मूल्यांकन पदाधिकारी शादान रहमान, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक ब्रजेन्द्र कुमार, जिला अनुश्रवण पदाधिकारी ब्रजेश कुमार एवं अरमान संस्थान के क्षेत्रीय कार्यक्रम पदाधिकारी सुमित पाण्डेय विशेष रूप से मौजूद रहे।
क्या है "किलकारी" और "मोबाइल एकेडमी"?
किलकारी सेवा के अंतर्गत RCH पोर्टल पर पंजीकृत गर्भवती महिलाओं और एक वर्ष तक के बच्चों की माताओं को गर्भावस्था और शिशु देखभाल से संबंधित जरूरी जानकारियां मोबाइल कॉल के माध्यम से दी जाती हैं। वहीं, मोबाइल एकेडमी एक ऑडियो-आधारित प्रशिक्षण कोर्स है, जो आशा कार्यकर्ताओं को गर्भधारण से लेकर शिशु के दो साल तक की देखभाल से जुड़ी संपूर्ण जानकारी देता है। यह कोर्स आशाओं को उनके कार्य में अधिक दक्ष और प्रभावी बनाता है।
प्रत्येक आशा कार्यकर्ता मोबाइल एकेडमी कोर्स सत प्रतिशत पूरा करें:
कार्यशाला के दौरान जिले के सभी प्रखंडों को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक आशा कार्यकर्ता मोबाइल एकेडमी कोर्स सत प्रतिशत पूरा करें।
गर्भवती महिलाओं को पहली तिमाही में, तथा 0 से 1 वर्ष तक के बच्चों को 30 दिनों के भीतर RCH पोर्टल पर सही मोबाइल नंबर के साथ पंजीकृत किया जाए।
मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी प्रभावी कमी लाने में मददगार:
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि सारण जिले की यह पहल स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल माध्यम से जन-जन तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किलकारी और मोबाइल एकेडमी जैसी योजनाएं न केवल गर्भवती महिलाओं को समय पर सही जानकारी देने में सहायक हैं, बल्कि यह मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी प्रभावी कमी लाने में मददगार सिद्ध हो सकती हैं।