भवनविहीन विद्यालय में हादसे से मचा हड़कंप, पेड़ की डाली गिरने से बाल-बाल बचे छात्र!
सारण (बिहार): शिक्षा विभाग की घोर अनदेखी और लापरवाही का एक शर्मनाक उदाहरण माँझी प्रखंड में सामने आया है, जहाँ एक उच्च माध्यमिक विद्यालय में भवन के अभाव के कारण खुले में पढ़ाई कर रहे बच्चों पर मंगलवार को अचानक एक पेड़ की भारी डाली गिर पड़ी। गनीमत रही कि सभी छात्र बाल-बाल बच गए, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।
एक ओर सरकार "स्मार्ट क्लास" और डिजिटल एजुकेशन की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर सारण जिले के माँझी प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सह +2 माध्यमिक विद्यालय की हकीकत इस दावे को आईना दिखा रही है। मरहा पंचायत अंतर्गत स्थित यह विद्यालय महज दो कमरों में संचालित होता है, जहाँ पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है और करीब 500 छात्र नामांकित हैं।
विद्यालय में कुल 12 शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें वर्ग 1 से 8 तक 278 तथा वर्ग 9 से 12 तक 192 छात्र पठन-पाठन करते हैं। इतने बड़े छात्र संख्या के बावजूद विद्यालय में सिर्फ दो कमरे हैं। एक का उपयोग कार्यालय के रूप में किया जाता है, जबकि दूसरे में कक्षाएं चलती हैं। अन्य छात्रों को बरामदे या खुले मैदान में बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है।
मंगलवार को खुले में पढ़ाई के दौरान उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बच्चों के ऊपर अचानक पेड़ की एक भारी डाली गिर पड़ी। गनीमत रही कि सभी बच्चे सुरक्षित रहे। विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामेश्वर प्रसाद ने बताया कि शिक्षकों और रसोइयों की तत्परता से समय रहते डाली को हटाया गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
प्रधानाध्यापक ने बताया कि यह माँझी प्रखंड का इकलौता विद्यालय है, जहाँ पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है, लेकिन भवन की स्थिति बेहद दयनीय है। उन्होंने बताया कि “सबसे आश्चर्य की बात यह है कि हमारे विद्यालय में स्मार्ट क्लास की पढ़ाई भी चलाई जाती है, लेकिन उसके लिए समुचित व्यवस्था नहीं है।”
छात्रों ने बताया कि कक्षा तो चलती है, लेकिन खुले में बैठना मजबूरी है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी बदतर हो जाती है। “हम लोग ठीक से एमडीएम (मिड डे मील) का भोजन भी नहीं कर पाते हैं,” एक छात्र ने कहा।
स्थानीय लोगों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से माँग की है कि इस विद्यालय की स्थिति पर अविलंब ध्यान दिया जाए और नया भवन निर्माण कराया जाए, ताकि बच्चों को सुरक्षित एवं सम्मानजनक शिक्षा का माहौल मिल सके।