लालू परिवार में घमासान: तेज प्रताप निष्कासित, पारिवारिक विवाद और राजनीतिक आरोपों से घिरे लालू यादव!
///जगत दर्शन न्यूज
पटना (बिहार): बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का परिवार एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार दोनों से बाहर कर दिया है। इस फैसले के पीछे तेज प्रताप के कथित अनुशासनहीन और गैर-जिम्मेदार व्यवहार को कारण बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पार्टी के भीतर लगातार हो रहे मतभेदों और तेज प्रताप की गतिविधियों से नाराज होकर लालू यादव ने यह कठोर कदम उठाया।
विवाद की आग उस समय और भड़क गई जब सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव और अनुष्का यादव की एक तस्वीर वायरल हुई। दावा किया गया कि दोनों 12 वर्षों से रिलेशनशिप में हैं, हालांकि तेज प्रताप ने इस तस्वीर को फर्जी बताते हुए कहा कि उनका अकाउंट हैक हुआ था और वह तस्वीर AI से बनाई गई है। इस मामले में लालू यादव के भतीजे नागेंद्र राय ने दावा किया कि तेज प्रताप एक सुनियोजित हनीट्रैप का शिकार हुए हैं, जिसमें तंत्र-मंत्र और भावनात्मक जाल का इस्तेमाल हुआ।
उधर, तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय भी सामने आई हैं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब एक 'नाटक' है और परिवार की पूरी रणनीति बिहार चुनावों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। ऐश्वर्या ने यह भी सवाल उठाया कि उन्हें अब तक न्याय क्यों नहीं मिला।
तेज प्रताप से जुड़े विवादों और परिवार में मचे घमासान के बीच लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और राजश्री चुपचाप पटना से कोलकाता रवाना हो गए हैं। इसे पारिवारिक तनाव से दूरी बनाने और राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
इसी बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव को 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाले में पूछताछ के लिए समन भेजा है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू परिवार पर शराब माफियाओं से मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरा परिवार अपराधियों से सांठगांठ में शामिल है।
लालू परिवार का यह पारिवारिक और राजनीतिक संग्राम जहां राजद की छवि पर असर डाल रहा है, वहीं आगामी चुनावों में इसके दूरगामी प्रभाव की आशंका भी जताई जा रही है।