चुनाव 2025 को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की 21 नई पहलें, सारण में भी दिखेगा असर!
छपरा, 30 मई 2025
भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2025 को अधिक पारदर्शी, समावेशी और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से 19 फरवरी से 29 मई 2025 के बीच 21 नई पहलें शुरू की हैं। इन नवाचारों का लाभ सारण जिले समेत पूरे बिहार को मिलेगा। इन पहलों का उद्देश्य मतदान प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाना, मतदाता सूची को सटीक करना और निर्वाचन प्रक्रिया को तकनीकी रूप से और सशक्त बनाना है।
इन पहलों में सबसे प्रमुख है एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1200 मतदाताओं की सीमा तय करना, जिससे भीड़भाड़ कम होगी और मतदान प्रक्रिया सहज होगी। साथ ही बहुमंजिला इमारतों व घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त मतदान केंद्र खोले जाएंगे। मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए मृत्यु पंजीकरण का डेटा अब सीधे भारत के पंजीयक जनरल (RGI) के डेटाबेस से प्राप्त होगा, जिससे मृत व्यक्तियों के नाम सूची से हटाने की प्रक्रिया तेज होगी।
वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप को अब और अधिक स्पष्ट बनाया गया है, जिसमें भाग संख्या व क्रम संख्या प्रमुखता से दर्ज होगी। प्रत्येक मतदान केंद्र के बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
राजनीतिक दलों के साथ संवाद को भी प्राथमिकता दी गई है—देशभर में CEO, DEO और ERO स्तर पर कुल 4,719 बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें 28,000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) और पर्यवेक्षकों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए गए, जिनमें बिहार सहित कई राज्यों के प्रतिभागी शामिल हुए।
चुनाव प्रचार संबंधी नियमों में भी परिवर्तन किया गया है। अब मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी पर प्रचार बूथ लगाने की अनुमति होगी, जो पूर्व में 200 मीटर थी। मतदाता पहचान पत्र (EPIC) में डुप्लीकेसी रोकने के लिए हर मतदाता को अब विशिष्ट EPIC नंबर आवंटित किया जाएगा।
एकीकृत डैशबोर्ड ‘ECINET’ की शुरुआत भी इस बार का बड़ा बदलाव है, जिससे अब सभी चुनावी सेवाएं एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगी। साथ ही आयोग द्वारा मीडिया, पुलिस, BLO और अधिवक्ताओं के लिए कई प्रशिक्षण और समन्वय कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।
इन पहलों के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग न केवल निर्वाचन प्रक्रिया को पारदर्शी और समावेशी बना रहा है, बल्कि प्रत्येक स्तर पर तकनीकी दक्षता और जवाबदेही भी सुनिश्चित कर रहा है। आगामी लोकसभा चुनावों में सारण जिले में इन पहलों का प्रभावी क्रियान्वयन तय माना जा रहा है।