गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025 का शुभारंभ, कात्रेनगर से उठी स्वदेशी और गौसंवर्धन की अलख!
छत्तीसगढ़ के गांवों में स्वावलंबन का संदेश लेकर निकली यात्रा!
छत्तीसगढ़ के चांपा जिले के कात्रेनगर गांव से आज गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025 का शुभारंभ हुआ। राष्ट्रीय गोसंवर्धन समिति, छत्तीसगढ़ प्रांत के तत्वावधान में आयोजित इस यात्रा का उद्देश्य ग्रामीण भारत में गौसंवर्धन, जैविक कृषि, स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और आत्मनिर्भरता की चेतना जागृत करना है।
वैदिक परंपराओं से हुआ शुभारंभ
यात्रा की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और गौपूजन के साथ हुई, जिसमें ग्रामीणों, गोपालकों, महिला समूहों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वातावरण में आध्यात्मिकता और स्वदेशी चेतना की झलक देखने को मिली।
छह दिन में 40 गांवों की यात्रा
यह यात्रा 12 मई तक चलेगी और इस दौरान प्रदेश के 40 से अधिक गांवों में जनसम्पर्क, संवाद व जनजागरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यात्रा के दौरान हर ग्राम में पंचगव्य आधारित खेती, गो-उत्पाद, स्वदेशी रोजगार और ग्रामीण स्वावलंबन पर चर्चा की जाएगी।
विविध कार्यक्रमों से ग्रामीण होंगे जागरूक
यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर जनसभाएं, प्रदर्शनी, संवाद सत्र, गो-कथाएं और ग्रामीणों के अनुभव साझा करने के कार्यक्रम होंगे। आयोजकों का मानना है कि इससे पारंपरिक भारतीय जीवनशैली और आत्मनिर्भर ग्राम विकास को नई दिशा मिलेगी।
महिलाओं, युवाओं और किसानों की विशेष भागीदारी
इस जनजागरण यात्रा में महिला समूह, युवा वर्ग, कृषक समुदाय और गोपालक प्रमुख रूप से शामिल हैं। उनकी सक्रिय भागीदारी से गांवों में सकारात्मक ऊर्जा और सहयोग की भावना उत्पन्न हो रही है।
ग्राम-ग्राम में उमंग और स्वागत का माहौल
यात्रा के स्वागत के लिए गांव-गांव में खासा उत्साह देखा जा रहा है। ग्रामीण जन इस पवित्र अभियान में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। आयोजन समिति के अनुसार, यह यात्रा केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि ग्रामीण नवजागरण की दिशा में एक ठोस पहल है।
संस्कृति, स्वदेशी और स्वावलंबन का समन्वय
प्रांत प्रमुख ने बताया कि गौग्राम जनजागरण यात्रा भारतीय संस्कृति, स्वदेशी विचार और आर्थिक आत्मनिर्भरता को एक सूत्र में पिरोती है। इससे ग्रामीण समाज में नवचेतना का संचार होगा और गोवंश आधारित जीवनशैली को नई पहचान मिलेगी।