आयुष्मान आरोग्य मंदिर सहूली के सभागार में 17 फाइलेरिया मरीजों के बीच की गई दवा वितरण!
फाइलेरिया मरीजों को खुद करना होगा ग्रसित अंगों की साफ़- सफाई: एमओआईसी
पीएसपी के सहयोग से फाइलेरिया मरीजों के लिए किया जा रहा है सराहनीय और सार्थक पहल: डीवीबीडीसीओ
सिवान (बिहार): रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) सामुदायिक स्तर का एक मंच है। जिसके माध्यम से फाइलेरिया मरीज और स्थानीय पोषक क्षेत्रों के निवासी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़कर विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं, योजनाओं, दवाओं, प्रमाण पत्र सहित कई अन्य प्रकार की सेवाओं का सुगमता से लाभ उठा सकते हैं। उक्त बातें हसनपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत सहुली गांव स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) कुमारी प्रीति ने पीएसपी सदस्य आशा देवी, सुरेंद्र प्रसाद, संतोष कुमार, पूनम देवी और उर्मिला देवी के सहयोग से लगभग 17 फाइलेरिया मरीजों को विभागीय स्तर पर जोड़ते हुए 12 दिनों की दवा वितरण के दौरान उपस्थित रोगियों से कही। उन्होंने यह भी कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सामूहिक रूप से हम सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है। क्योंकि यह बीमारी केवल इलाज से नहीं, बल्कि जन जागरूकता से भी नियंत्रित की जा सकती है। पीएसपी सदस्यों के माध्यम से हमने न केवल दवा दी है, बल्कि आम नागरिकों को इससे संबंधित अन्य बीमारियों जैसे- मलेरिया, डेंगू और त्वचा संक्रमणों की जानकारी भी दी गई है। इस दौरान सीएचओ कुमारी प्रीति, एएनएम आशा कुमारी, सिफ़ार के बीसी सोनू कुमार, आशा कार्यकर्ताओं में नूरसाबो खातून, भानुमति देवी, नीतू देवी, सुनीता देवी, लालमती देवी और गीता कुमारी सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।
हसनपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआईसी) डॉ मनोज कुमार ने बताया कि सहूली स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एचडब्ल्यूसी) की सीएचओ कुमारी प्रीति ने पीएसपी के सहयोग से 17 फाइलेरिया मरीजों को दवा सेवन के लिए 12 दिनों की दवा दी गई। वहीं इन सभी फाइलेरिया मरीजों को अपने अंगों की साफ- सफाई और देखभाल के लिए विशेष रूप से बताया गया। क्योंकि जब तक मरीज सेल्फ केयर नहीं करेंगे तब तक बीमारी को कम नहीं किया जा सकता है। हालांकि सबसे अहम बात यह है कि फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ- सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। रोगी हितधारक मंच के सहयोग से फाइलेरिया मरीजों का दिव्यंगता प्रमाण पत्र के लिए शारीरिक मूल्यांकन कर जल्द ही प्रमाण पत्र दिलाया जाएगा। क्योंकि दीर्घकालिक रूप से फाइलेरिया से प्रभावित मरीजों को सरकारी योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा का लाभ दिलाने के लिए दिव्यंगता पत्र का होना अतिआवश्यक है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि फाइलेरिया जैसी उपेक्षित उष्णकटिबंधीय बीमारी से पीड़ित मरीजों के जीवन को सहज और सम्मान जनक बनाने की दिशा में हसनपुरा प्रखंड के विभिन्न आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर गठित रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) के द्वारा सराहनीय और सार्थक पहल किया जा रहा है। जहां एमएमडीपी कीट का वितरण और ग्रसित अंगों की साफ़ सफाई सहित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। क्योंकि क्यूलेक्स मच्छर फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो उसे भी संक्रमित कर देता है। लेकिन संक्रमण का लक्षण लगभग 10 वर्ष बाद उभरकर सामने दिखाई देता है। जो व्यक्ति को हाथ या पैर में सूजन की शिकायत होती है, नहीं तो फिर पुरुषों के अंडकोष में सूजन आ जाती है। जबकि महिलाओं को स्तन के आकार में परिवर्तन हो सकता है।