अपराधियों की गोली से घायल उप मुखिया की इलाज के क्रम में मौत!
पैसे के अभाव में परिजनों को नहीं मिल रहा था शव, अपराधियों ने पेट और कमर में मारी थी गोली!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: बीते दो मार्च को अपराधियों की गोली से घायल मुबारकपुर पँचायत के उप मुखिया कमलेश यादव की शुक्रवार को पटना के एक निजी अस्पताल में ईलाज के क्रम में मौत हो गई। उप मुखिया पिछले चार दिनों से पटना के एक निजी अस्पताल में इलाजरत थे। सीने और पेट मे गोली लगने से स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई थी। मौत के बाद गाँव में तनाव की आशंका के मद्देनजर सारण जिला पुलिस एलर्ट मोड़ में है। गोली लगने की घटना के बाद से माँझी थाना पुलिस मुबारकपुर पँचायत के सिधरिया टोले में लगातार कैम्प कर रही है।
इससे पहले मृतक के भतीजा अंकित कुमार के बयान पर पुलिस ने कुल छह लोगों को नामजद किया था तथा पुलिस चार आरोपियों को गिरफ्तार भी कर चुकी है। हत्या का कारण पूर्व का आपसी अथवा राजनीतिक विवाद बताया कि रहा है। पुलिस उक्त मामले के दो अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिये लगातार छापेमारी कर रही है।
बताते चलें कि रविवार की रात में उप मुखिया कमलेश यादव एक शादी समारोह से वापस अपने घर लौट रहे थे। इसी बीच कोठीपर टोला के पास घात लगाए अपराधियों ने उन्हें घेरकर गोली मार दी थी। गोली लगने के बाद गभीर स्थिति में उन्हें एकमा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहाँ से स्थिति को गंभीर देखते हुए बेहतर ईलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया था।
पैसे के अभाव में परिजनों को नहीं मिल रहा था शव!
मुबारकपुर पँचायत के उप मुखिया कमलेश यादव का शव महज 70 हजार रुपये बकाया रहने के कारण अस्पताल प्रबंधन परिजनों को नही दे रहा था। मृतक के पिता शिव नारायण यादव ने बताया कि पिछले पाँच दिनों में वे अपने रिश्तेदारों से आर्थिक सहयोग लेकर चार लाख रुपये भेज चुके थे। स्थानीय विधायक श्रीकांत यादव ने भी उन्हें आर्थिक सहयोग किया है। लेकिन 70 हजार रुपये की ब्यवस्था नहीं कर पाने के कारण अस्पताल प्रबंधन सुबह के दस बजे से उनके बेटे का शव रोक कर रखा था। साथ गए लोगों की आरजू मिन्नत का भी उनपर कोई असर नही हो रहा था। वही आठ घण्टे बाद बकाया पैसा जमा होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को शव सुपुर्द किया तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
परिजनों पर अपने स्वजन की मौत के साथ साथ आर्थिक संकट का दुख और ज्यादा सता रहा है। मृतक के परिवार में माता पिता के अलावा पत्नी व दो पुत्र हैं जिनके परवरिश को लेकर भी परिजन व नाते रिश्तेदार चिंतित हैं। मृतक पहले मुर्गा फार्म चलाता था लेकिन उसमें घाटा लगने के बाद खेती किसानी से परिवार का भरण पोषण करता था।
मौत की सूचना मिलने के बाद से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया है। गाँव में संशय तथा सन्नाटा का माहौल पसरा हुआ है।