जिस दिन व्यक्ति अपने अंदर झाँकना प्रारम्भ कर देगा उसी दिन से वह वाह्यडंबर एवम सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाएगा!: साध्वी पँछी देवी
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सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: समाज का एक बड़ा तबका आत्मचिंतन एवम आत्म मंथन करने के बजाय दूसरों का मार्गदर्शन करने में ही परेशान है, जबकि जीवन की सच्चाई यह है कि आत्म दर्शन किये बिना मार्गदर्शन प्रभावी नही होता। यह बातें गोबरहीं के शिव शक्ति धाम में आयोजित श्री रुद्र महायज्ञ के तीसरे दिन के अपने प्रवचन में उत्तर प्रदेश के हरदोई से पधारीं सुप्रसिद्ध प्रवाचिका पँछी देवी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि जिस दिन ब्यक्ति अपने अंदर झाँकना प्रारम्भ कर देगा उसी दिन से वह वाह्यडंबर एवम सांसारिक दुखों से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मानव का जब अहंकार टूटता है तब उसे बड़ी पीड़ा होती है। सोने के चंद टुकड़े पाकर आज के समाज में रहने वाला ब्यक्ति खुद को आसमान की बुलंदी पर बैठा महसूस करने लगता है। धन यौवन एवम ऐश्वर्य के अभिमान से मदमस्त लोगों को सोने की लंका में निवास करने वाले रावण से सीख लेनी चाहिए। चारों वेदों का ज्ञाता उत्तम कुल एवम सर्वगुण सम्पन्न होने के बावजूद रावण के व्रीति बदलने मात्र से उसका समूल नाश हो गया। उन्होंने बताया कि सकारात्मक एवम नकारात्मक रूप में व्रीति बदलने मात्र से मनुष्य का पूरा जीवन सुखद अथवा दुखद बन सकता है। उन्होंने प्रभु नाम स्मरण को कलियुग का सर्वश्रेष्ट अनुष्ठान बताया। प्रवचन का संचालन मनोज कुमार सिंह पत्रकार ने किया।
प्रवचन कार्यक्रम में विजय सिंह, अजय सिंह, पूर्व मुखिया देवेन्द्र सिंह, रेलवे से अवकाश प्राप्त डीआरएम हरेन्द्र राव, डॉ राजीव रंजन, पूर्व जिप सदस्य नीरज सिंह, धर्मेन्द्र सिंह समाज, सुनील कुमार मिश्रा, अमरेन्द्र सिंह, जदयू नेता सुनील सिंह, मनोज सिंह, पूर्व मुखिया बेबी सिंह, भरत सिंह सरपँच, मोहन सिंह तथा भूपेंद्र सिंह समेत सैकड़ों श्रद्धालु महिला व पुरुष आदि मौजूद थे।