मातृभाषा दिवस की रजत जयंती पर हिंदी भाषा संवाद का हुआ भव्य पूर्ण कार्यक्रम!
नई दिल्ली: संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: वैश्य तकनीकी संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गई, जिसमें सभी विभागों से छात्रों तथा शिक्षा विद् जनों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार का आह्वान डाॅ.कंचन मखीजा द्वारा किया गया। इस अवसर पर किस प्रकार अपने विचारों को सहजता से लिखें, इस पर चर्चा हुई। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता संस्थान की प्रवक्ता व प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. कंचन मखीजा रहीं, जिन्होंने वैश्विक परिदृश्य में हिंदी की महत्ता और गुणवत्ता के बारे में बताते हुए युवाओं को हिंदी भाषा के अधिकतम प्रयोग, संवाद और प्रचार के लिए प्रेरित किया। डॉ. कंचन ने कहा- आज किसी भी क्षेत्र में शिक्षा प्राप्त करने के लिए विश्व में चाईना की भाषा प्रथम व दूसरे स्थान पर हिंदी है और लगातार इसकी लोकप्रियता तथा अनन्य संभावनाएं बढ़ रही है। कार्यक्रम की संचालक अनुपमा गुप्ता ने कहा हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। हमें इसे बोलचाल, शिक्षा और तकनीकी क्षेत्र में अधिकाधिक अपनाने की जरूरत है। राजन सरीन ने भी युवाओं को हिंदी में लेखन, पठन-पाठन व अध्ययन के विषय में अपने विचार सांझा किए। वैश्य शिक्षण संस्थान के उप प्रधान दीपक जिंदल ने कहा हिंदी के बिना भारतीय जीवन की अभिव्यक्ति अधूरी है। संस्थान के प्राचार्य संजीव गुप्ता ने हिंदी के विभिन्न आयामों व सामाजिक विकास पर चर्चा की। इस अवसर पर डाॅ कंचन ने संस्थान की पत्रिका प्रकाशन में कार्य करने हेतु आह्वान के साथ-साथ छात्रों की हिंदी से संबंधित शंकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए, एप्लाइड साईंस के विभागाध्यक्ष सतीश जैन, आटोमोबाइल के विभागाध्यक्ष राजन सरीन व सीनियर लैक्चरर नीति जैन ने स्मृति चिह्न भेंट कर डाॅ.कंचन मखीजा को सम्मानित किया। अंत में तथा संयोजिका पारुल गुप्ता व शालू गर्ग ने सभी का धन्यवाद किया और छात्रों सहित सभी ने हिंदी में अधिकाधिक प्रयोग करने का संकल्प लिया।