बिहार में मृत 16 वर्षों के बाद उत्तर प्रदेश में जिंदा मिला नथुनी पाल!
झांसी (उत्तर प्रदेश): जिले के बरुआसागर थाना पुलिस की धमना चौकी प्रभारी नवाब सिंह ने एक अजीबो गरीब मामले का पर्दाफाश किया है। दरअसल झांसी के इस इलाके में चौकी प्रभारी नवाब सिंह गश्त पर थे और उन्हें एक संदिग्ध शख्स दिखाई दिया था। इस पर उन्होंने उससे पूछताछ करने पर ऐसी जानकारी मिली, जिस पर आसानी से विश्वास नहीं होता। वहीं हुए खुलासे से बिहार पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह मामला 16 साल पहले की हत्या और उससे जुड़ी जांच से संबंधित है।
दरअसल, झांसी पुलिस को वह शख्स जिंदा मिला है जो बिहार पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक 16 साल पहले ही मर चुका था। उसकी हत्या करने का 4 लोगों पर आरोप लगा था। इसी शख्स के अपहरण, हत्या करने और लाश को गायब करने के आरोप में उसी गांव के लोगों को जेल जाना पड़ा था और बीते 16 सालों से उन पर मुकदमा अब भी चल रहा है। इस मामले में बिहार पुलिस ने जांच के बाद ग्रामीण लोगों पर मुकदमा कायम करते हुए उन्हें जेल भेज दिया था। अब बिहार पुलिस की जांच विवेचना में सवाल खड़े हुए हैं। बरुआसागर पुलिस की सूझबूझ के चलते बेकसूर लोगों को कानूनी राहत मिलेगी। झांसी में बरुआसागर थाने की पुलिस ने इस व्यक्ति को खोजा है जो बिहार पुलिस के जी सरकारी रिकॉर्ड में 16 साल पहले इसे दफना दिया गया था. वही, शख्स अब झांसी के पुलिस के सरकारी रिकॉर्ड में जिंदा घोषित कर दिया गया। बिहार की रोहतास जिले की पुलिस रिकॉर्ड में मृत हो चुका है, जिसको अपहरण कर हत्या कर जमीन में दफनाने के आरोप में चार लोग कई महीनों तक सजा काट कर जमानत पर रिहा हुए हैं। इन आरोपियों को भी अब राहत मिलने की आस जागी है। पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज मृत व्यक्ति को जिस चौकी प्रभारी ने खोजा, उससे बात कर पूरे मामले की जानकारी ली।
बताया गया है कि बिहार के जिला रोहतास के थाना अकोडी गोला ग्राम देवरिया निवासी नथुनी पाल जो कि अपने मामा के साथ रह रहा था, तभी 17 सितंबर 2008 को वह अचानक गायब हो गया था। इस पर नथुनी पाल के मामा बाबू लाल पाल ने अपने ही गांव के चार लोगों के खिलाफ अपहरण, हत्या कर लाश को गायब करने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। बिहार की रोहतास जिले की पुलिस ने मामले में दर्ज आरोपियों रति पाल, विमलेश पाल, भगवान पाल, सतेंद्र पाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सभी आरोपी अभी जेल से जमानत पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।