प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय छपरा की पूर्व संचालिका बीके सीता माता की मनाई गई नौवीं स्मृति दिवस!
विश्व में शांति स्थापित करने की परिकल्पना को पूरा करने के लिए आपका व्यवहार भी शुद्ध होना चाहिए: बीके संगीता दीदी
बदला ना लो बल्कि बदल कर दिखाओ जैसे उद्देश्यों को पूरा करने में सीता माता ने अपना जीवन गुजार दी: बीके अनामिका दीदी
सारण (बिहार): प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू के स्थानीय इकाई छपरा में सीता माता कि नौवीं स्मृति दिवस का आयोजन स्थानीय सेवा केंद्र में किया गया। केंद्र की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी अनामिका दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि पटना के कंकरबाग स्थित सेवा केंद्र की संचालिका ब्रह्मा कुमारी संगीता दीदी ने कहा कि ब्रह्मा बाबा की शिक्षाएं आज भी आवश्यक उपयोगी हैं। अगर आपका कर्म और मधुर वाणी के साथ व्यवहार शुद्ध हो तो समाज भी शुद्ध बन जाएगा। उसके बाद ही पूरे विश्व में शांति स्थापित करने की परिकल्पना पूरी हो सकती हैं। हम सभी के प्रयासों व विचारों से भारत पुन: विश्वगुरु बन जाएगा। परमात्मा शिव ब्रह्मा के साकार तन में प्रविष्ट होकर मनुष्य आत्माओं को ज्ञान, पवित्रता और शांति का अनुभव कराते हैं। सभी धर्मो में ब्रह्मा की मान्यताये है। ईसाई धर्म में एडम, मुस्लिम धर्म में उनको अल्लाह तथा हिंदुओं में उन्हें आदि देव व ब्रह्मा के नाम से जानते हैं। हमारे ब्रह्मा बाबा शिव बाबा पर संपूर्ण निश्चयबुद्धि थे, हालांकि उनके जीवन में ना जाने कितनी भी विपरीत परिस्थितियां आई होगी, लेकिन वह अचल और अडिग रहे। ठीक उसी तरह हम सभी को ब्रह्मा बाबा के समान विषम परिस्थितियों के बीच रहते हुए संपूर्ण निश्चयबुद्धि के साथ ही अचल और अडोल होना है। क्योंकि ब्रह्मा बाबा के जीवन में परमात्मा के प्रति संपूर्ण भाव था।
बदला ना लो बल्कि बदल कर दिखाओ जैसे उद्देश्यों को पूरा करने में सीता माता ने अपना जीवन गुजार दी: बीके अनामिका दीदी
ब्रह्माकुमारी अनामिका दीदी ने स्थानीय पूर्व संचालिका सीता माता को याद करते हुए कहा कि छपरा शहर के बीचों बीच दलदली बाजार में एक छोटे से कमरे में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थापना ब्रह्मा कुमार भाइयों द्वारा इसका संचालन किया जाता था, लेकिन वर्ष 1980 से 2016 तक मुख्य संचालिका रहते हुए उन्होंने अपने जीवन को पूर्ण रूप से आध्यात्मिक सेवा के लिए ब्रह्मा कुमारी संस्थान में समर्पित कर दिया था। सबसे अहम बात यह है वर्ष 1980 से 2016 तक परमात्मा के संदेश को सारण, सिवान और गोपालगंज जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक ईश्वरीय संदेश को पहुंचाने का काम कर हजारो लोगो के जीवन को सुखमय और शांतिमय बनाई थी। वहीं नैतिक उत्थान के लिए सीता माता जी ने अपने जीवन में कई बड़े- बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए कनीय और वरीय अधिकारियों के साथ मुलाकात कर उक्त सभी को ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के लक्ष्य को धरताल पर उतारने का काम करतीं रही। वहीं जिला कारागार में जाकर कैदियों के जीवन को बदलने का प्रयास करती रही। क्योंकि बदला ना लो बल्कि बदल कर दिखाओ इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किया। छपरा शहर के रतनपूरा मोहल्ला स्थित ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र में लंबी बीमारी के कारण 09 दिसंबर 2016 को अपना नश्वर शरीर को त्याग दिया। स्थानीय सभागार में आयोजित स्मृति दिवस के अवसर पर प्रो प्रियेश रंजन, बीके समीर आनंद, बीके अंकित भाई, बीके आराधना बहन, मुन्नी बहन, निर्मला बहन, वीना बहन, प्रियांशु बहन सहित सैकड़ो भाई और बहनो में श्रद्धा सुमन अर्पित किया।