हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ीकरण को लेकर सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण
• अब एचडब्लूसी स्तर पर मिल रहीं है परिवार नियोजन की सेवाएं
• परिवार नियोजन के अस्थायी साधन उपलब्ध
सारण (बिहार) संवाददाता सत्येन्द्र कुमार शर्मा: अब समुदाय को घर के पास हीं उच्च गुणवत्तापूर्ण और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कई पहल की जा रहीं है। इसी उद्देश्य के साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरो पर बेहतर सुविधाएं मुहैया करायी जा रहीं है। जिसमे परिवार नियोजन की सेवा भी उपलब्ध करायी जा रहीं है। गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन की सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिले के सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा जीएनएम स्कूल में प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमे जिला स्वास्थ्य समिति के योजना समन्वयक रमेश चंद्र कुमार और पीएसआई के परिवार नियोजन समन्वयक राजीव श्रीवास्तव के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें डीपीसी ने कहा कि हेल्थ वेलनेस सेंटर पर आने वाली महिलाओं को परिवार नियोजन कि सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पर सभी तरह अस्थायी सुविधा उपलब्ध है। परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूक करना है। परिवार नियोजन के अस्थाई साधन जैसे - कॉपर टी, अंतरा सूई, छाया गोली, कंडोम, माला एन व अन्य। ये सभी सुविधाएं बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध हैं।
पीएसआई के परिवार नियोजन समन्वयक राजीव श्रीवास्तव ने प्रशिक्षण में शामिल सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को परिवार नियोजन के लिए उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी। क्योंकि परिवार नियोजन के लिए आईयूसीडी सबसे उचित माध्यम है।आईयूसीडी से होने वाले लाभ एवं लगाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर विस्तार पूर्वक बताया गया। उपस्थित प्रतिभागियों को दो बच्चों के बीच दो या दो से अधिक वर्ष के अंतराल के लिए आईयूसीडी के प्रयोग से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें अंतरा छाया, कॉपर टी एवं कंडोम सहित कई अन्य प्रकार का उपयोग से बच्चों के बीच उम्र का अंतर रख सकते हैं। इससे बच्चों की समुचित देखभाल के साथ ही महिलाओं का स्वास्थ्य भी तंदुरुस्त रखने में आप सभी की सहभागिता जरूरी होता है। क्योंकि आप सभी को परिवार नियोजन से संबंधित स्थायी तौर पर सुविधाओं का लाभ देने के लिए अलग- अलग लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम में सीएचओ की महत्वपूर्ण भूमिका:
डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि सीएचओ द्वारा ग्रामीण इलाको में रहते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को क्रियान्वयन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिसके तहत ग्रामीण इलाकों के मरीजों का इलाज करना, स्वास्थ्य केंद्रों में ओपीडी का संचालन करना,गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओ को उचित सलाह देना होता हैं। हालांकि इसके अलावा आवश्यकता अनुसार स्वास्थ्य से संबंधित सभी तरह के प्राथमिक उपचार मुहैया कराने की जिम्मेदारी होती हैं। एक तरह से देखा जाए तो सामुदायिक स्वास्थ अधिकारी (सीएचओ) ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य सेवाएं को जन-जन तक पहुंचाने एवं किसी भी तरह की बीमारियों को बचाने के साथ ही उसका परामर्श और निदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाते है। इस मौके पर डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, डीसीएम ब्रजेन्द्र कुमार सिंह, सदर अस्पताल के परिवार नियोजन सलाहकार बबिता कुमारी, पीएसआई के राजीव श्रीवास्तव, सिफार के डीपीसी गनपत आर्यन, प्रोग्राम एसोसिएट कृष्णा सिंह समेत अन्य मौजूद थे।

