जीवन एक संघर्ष है!: काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन!
नई दिल्ली/संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों की माला मंच भारत पर रविवार को विषय 'जीवन एक संघर्ष है' कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ ब्रजेंन्द्र नारायण द्विवेदी शैलेश, संस्थापक माला सिंह, महेश प्रसाद शर्मा संगठन मंत्री, श्रीमती प्रेरणा बुड़ाकोटी मीडिया प्रभारी, रतिराम गढ़ेवाल अलंकरण अधिकारी, सुशील कुमार पाठक महामंत्री विशिष्ट अतिथि की उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
उर्मिला कुमारी, कमलेश कुमार, श्रद्धा सिंह, डॉ अम्बे कुमारी, प्रियंका भूतड़ा प्रिया, मीरा सक्सेना माध्वी, डॉ अर्चना पाण्डेय, प्रोफेसर डॉ शरद नारायण खरे, श्री पुहुप राम यदु मोपर, श्री एस अनंत कृष्णन, डॉ देवी दीन अविनाशी, डॉ मधुसूदन तिवारी, डॉ शशिकला अवस्थी, डॉ निर्मला राजपूत, कविता नामदेव, डॉ चंदा देवी स्वर्णकार, भारत भूषण वर्मा, नाहिदा शाहीन, डॉ पंकज कुमार बर्मन, डॉ नताशा कुशवाहा, खुशबू कुमारी अन्य साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की और कार्यक्रम के विषय पर अपने अलग-अलग विचार प्रस्तुत करते हुए कहा धरती पर प्रत्येक जीव प्राणी का जीवन बिना संघर्ष के पूरा नहीं होता। संघर्ष ही जीवन में हार और जीत का परिणाम है। संघर्ष एक अनुभव और कला है जो व्यक्ति संघर्ष से कतराते हैं वे कभी सफलता के मुकाम पर नहीं पहुंचते। जीवन में संघर्ष खुद के साथ कुदरत के साथ और अनगिनत परिस्थितियों के साथ चलता रहता है। संघर्ष के सही परिभाषा को समझना और इसका हिम्मत से सामना करना उत्तम जीवन का जीने का सार है।