समारोह पूर्वक मनाई गई ब्रम्हलीन महंत वासुदेव दास की चौथी पुण्यतिथि!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: माँझी नगर पंचायत के शनिचरा बाजार स्थित प्रसिद्ध संत धरणी दास मन्दिर परिसर में ब्रम्हलीन महंत वासुदेव दास की चौथी पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई।
मौके पर मौजूद संत प्रो इंद्रमणि दास शास्त्री ने कहा कि ईश्वर भक्ति में तल्लीन साधु संतों की मृत्यु नही होती बल्कि वे ब्रम्हलीन होते हैं। उन्होंने कहा कि परिवर्तन के इस संसार में संतों की परिभाषा चारों युगों में कभी परिवर्तित नही हुई। इससे पहले मठ के वर्तमान मठाधीश त्रिभुवन दास समेत यूपी बिहार के अलग अलग जिलों से पधारे साधु संतों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे नमन किया।
इस मौके पर आयोजित भंडारा कार्यक्रम में बिहार तथा उत्तर प्रदेश के एक सौ से अधिक साधु संत व सैकड़ों की संख्या में आसपास के ग्रामीण आदि शामिल हुए। इससे पहले सारण सिवान तथा यूपी के बलिया जनपद से पहुँचे दर्जनों साधु संत व गणमान्य लोगों ने ब्रम्हलीन महंत की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उनके संस्मरणों की याद ताजा किया।महन्थ त्रिभुवन दास ने मंदिर पहुँचे सभी संतो तथा मठाधीशों को अंग वस्त्र देकर विदा किया।
मंदिर के महंत ने बताया कि महाराज जी कि चौथी पुण्यतिथि पर पहुँचे साधु संतों में संत इंद्रमणि दास, शुकदेव दास, सभा दास, राम कुमार दास, अजय दास, शारदा नंद दास, गुड्डू दास, सुदर्शन दास, गोपाल दास, सुखराम दास, लक्ष्मण दास, उत्तम दास, सुनील कुमार पाण्डेय, रामजी गुप्ता, राम कृष्णा, पप्पू कुमार, स्वामीनाथ शर्मा सहित सैकड़ो संत आदि शामिल हुए।