आश्चर्य: कुंए में कूदी महिला, आठ दिन बाद निकली जिंदा! मृत समझ पति फरार!
सारण (बिहार): बिहार में एक अद्भुत घटना सामने आई है। जहां एक महिला एक सप्ताह तक विषैले कुएं में रहकर भी जीवित बच गई। यह घटना उस समय सामने आई जब स्थानीय बच्चों को खेलने के दौरान कुआं से कुछ अजीब सी कराहने जैसी आवाज सुनाई दी। उसके बाद बच्चे घर के लोगों को इसकी जानकारी दी। तब जाकर ग्रामीण कुएं के पास आकर आवाज सुनी और देखा तो लगभग 30 फिट गहराई वाले कुएं में एक सप्ताह से गायब गांव की महिला कराह रही है। हालांकि कुआं में पानी तो नही था लेकिन सांप और जहरीले कीड़े मकोड़े जरूर थे। लेकिन इसके बावजूद उक्त महिला एक सप्ताह तक बगैर कुछ खाए पिए जिंदा मिली है। स्थानीय सारण जिले के नक्सल प्रभावित इलाका कहे जाने वाले पानापुर थाना क्षेत्र के महम्मदपुर गांव में आत्म हत्या करने की नियत से गहरे कुएं में कुदी महिला एक सप्ताह बाद जिंदा मिली है।
ग्रामीणों के अनुसार पारिवारिक कलह से तंग आकर महम्मदपुर गांव निवासी अमरनाथ मिश्रा की 50 वर्षीया पत्नी मीरा देवी एक सप्ताह पहले गायब हो गई थी। परिजनों ने उसकी काफी खोजबीन की। लेकिन उसका पता नही चल पाया। महिला को मृत समझ उसका पति भी घर छोड़ कर फरार हो गया। इस बीच रविवार की दोपहर गांव के बाहर स्थित कुंए के समीप कुछ बच्चे खेल रहे थे। तभी कुएं से अजीब सी आवाज सुन डरकर घर भाग निकले। हालांकि उसके बाद बच्चों द्वार घर पहुंच कर इस बात की जानकारी अपने घरवालों को दी गई।
बच्चों की बात सुन कुछ ग्रामीण कुंए के पास गए तो देखा कि एक सप्ताह पहले से गायब महिला को कुएं में कराह रही हैं। उक्त बुजुर्ग महिला को देख कर सभी दंग रह गए। फिर ग्रामीणों के सहयोग से महिला को काफ़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। सात दिनों से गायब महिला के कुंए से जिंदा निकलने पर उक्त महिला को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। एक सप्ताह से भूखी- प्यासी महिला काफी कमजोर हो गयी थी। जिसका इलाज स्थानीय चिकित्सक द्वारा किया जा रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आत्म हत्या की नियत से जिस कुएं में महिला कूदी थी उसमें पानी कम था। लेकिन दलदल होने के कारण कीचड़ में फंस गई थी। ईश्वर की लीला अपरंपार है कि इतने दिनों तक कुआं में रहने के बावजूद जीवित मिली। नही तो विषैले जीव जंतुओं सहित सांप द्वारा कब के डंस लिया गया होता।
कुएं में बाहर और भीतर उगे झाड़- जंगल को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि कुएं के अंदर भी विषैले जीव जंतु हो सकते हैं। आठ दिनों तक कुएं में रहना और कुछ नहीं होना इसको लोग ईश्वरीय कृपा मान रहे हैं। फिर खेलने के उद्देश्य से बच्चों का कुएं के पास पहुंचना, आवाज सुनना और अपने परिजनों को बुलाकर कुएं के पास ले जाने को भी लोग भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। वही इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा कहा जा रहा है कि यदि प्रभु की कृपा नहीं होती तो महिला जिंदा नहीं बच पाती।