मनाई गई हिंदी साहित्य के महाप्राण कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पुण्यतिथि!
सारण (बिहार) संवाददाता संजय पाण्डेय: नंदलाल सिंह महाविद्यालय जैतपुर, दाउदपुर के सभागार में हिंदी साहित्य के महाप्राण कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पुण्यतिथि मनाई गई। उनके चित्र पर प्राचार्य एवं शिक्षाविदो ने पुष्प अर्पित किया।
कार्यक्रम में निराला जी के जीवनकाल को याद करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर के पी श्रीवास्तव ने कहा कि छायावाद निराला साहित्य जगत के मूर्धन्य कवि थे, जिनकी लेखनी से दीन- दुखियों की जीवन शैली की आहट मिलती है। निराला कविताओं के माध्यम से समता मूलक समाज का निर्माण करना चाहते थे।
इस मौके पर हिंदी अध्यापक डॉ चन्द्रभान राम ने कहा कि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और उनका जीवन घोर आर्थिक विभिन्नता और कष्ट में व्यतीत हुआ। बाल्यकाल में मां की मृत्यु और युवावस्था में पत्नी, बेटी, बहन की मृत्यु ने निराला के शेष जीवन को झकझोर दिया था, जिसका प्रभाव उनकी रचनाओं में मिलता है। उनकी प्रमुख रचनाओं में रश्मिरथी, हुंकार, परशुराम की प्रतीक्षा, कुरुक्षेत्र आदि है। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म भूषण पुरस्कार, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार आदि से सम्मान प्राप्त है।
इस अवसर पर डॉ रुबी चंद्रा, डॉ संजय कुमार, डॉ राकेश रंजन, डॉ मनोज कुमार, डॉ स्वर्गदीप शर्मा, डॉ प्रवीण पंकज ने अपने-अपने विचार साझा किया। इस अवसर पर छात्रों की गरिमामयी उपस्थिति देखी गयी।