आंखें छलक पड़ी: नाबालिक बेटी ने पिता का दिया कंधा, मुखाग्नि भी दी!
सारण (बिहार) संवाददाता सोहेल अहमद: माँझी नगर पंचायत के हसन अली बाजार से निकली शव यात्रा में शामिल लोगों की आंखें उस वक्त छलक पड़ी जब 13 वर्ष की एक नाबालिक बेटी ने खुद कंधा देकर अपने पिता के शव को न सिर्फ शमशान घाट तक पहुँचाया बल्कि श्मसान घाट पर पहुँचकर उसने अपने पिता को मुखाग्नि भी दी और समाज में पहले से चली आ रही परम्परा को एक नया आयाम दिया। यह लोमहर्षक घटना माँझी नगर पँचायत के हसन अली बाजार की है।
बताते चलें कि हसन अली बाजार निवासी स्वर्गीय राजेश्वर पंडित उर्फ भिखारी पंडित के 35 वर्षीय पुत्र भोला पंडित को असामयिक मौत पटना में इलाज के दौरान हो गई। वह लंबे समय से बीमार चल रहा था। वर्षों से गरीबी की मार झेल रहे इस परिवार को बीमारी ने और अधिक कंगाल बना दिया है। आसपास के लोगों से मिले आर्थिक सहयोग से मृतक का इलाज चल रहा था। चूँकि लंबी बीमारी के कारण धीरे-धीरे उसका सब कुछ पहले ही बिक चुका था और इलाज के दौरान ही उनकी मौत भी हो गई। मंगलवार को मृतक के शव के दरवाजे पहुंचते ही परिजनों में चीख पुकार मच गई। मुखाग्नि देने वाली खुशी कुमारी मृतक की इकलौती पुत्री है।
लोगों ने बताया कि 13 वर्ष उम्र की पुत्री ने खुद पिता के शव को कंधा देने का निर्णय लिया। पुत्र नहीं होने के कारण पुत्री ने ही पिता को मुखाग्नि भी दी। यह वाक्या देख शव यात्रा में शामिल लोगों की आंखें नम हो गई। लोगों ने बताया कि मृतक का परिवार बेहद गरीब है तथा गृहस्वामी की मौत के बाद लोगों को इस परिवार के भरण पोषण की चिन्ता सताने लगी है।