मृत व्यक्ति बन गया महाविद्यालय का अध्यक्ष, ढाई करोड़ रुपये का हुआ बंदरबांट! नौ लोगों पर प्राथमिकी!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: वर्ष 1988 में मृत माँझी नगर पँचायत के मियाँपट्टी निवासी स्व लक्ष्मण प्रसाद को फर्जी तरीके से शासी निकाय का अध्यक्ष मनोनीत कर माँझी इंटर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य रघुनाथ ओझा द्वारा सरकारी अनुदान का ढाई करोड़ रुपये का बंदरबांट करने का मामला प्रकाश में आया है।
शनिवार को सारण जिला शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश के आलोक में माँझी की बीईओ विभा कुमारी ने माँझी थाने में इस आशय की एक प्राथमिकी दर्ज कराई है। बीईओ द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में पूर्व प्राचार्य रघुनाथ ओझा समेत प्रबंध समिति के कुल नौ लोगों को नामजद किया गया है। दर्ज प्राथमिकी में यह कहा गया है कि शासी निकाय प्रबंध समिति द्वारा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष को झाँसा देकर मृत व्यक्ति को महाविद्यालय का अध्यक्ष बनवाया गया तथा सरकार द्वारा महाविद्यालय को प्राप्त सरकारी अनुदान की वार्षिक राशि क्रमशः 50 लाख का पाँच वर्षों तक वारा न्यारा कर अलग अलग खातों के माध्यम से राशि का बन्दरबांट किया गया। दर्ज प्राथमिकी में अनुदान की ढाई करोड़ की राशि महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो रघुनाथ ओझा द्वारा कथित तौर पर अपने परिजनो अथवा करीबियों की नियुक्ति को आधार बनाकर उनके खाता के माध्यम से राशि का वारा न्यारा किये जाने की बात कही गई है।
बताते चलें कि सिवान जिला राजद अध्यक्ष राज किशोर गुप्ता द्वारा वर्ष 2011 में कथित रूप से फर्जी तरीके से 17 दिसम्बर वर्ष 1988 मृत लक्ष्मण प्रसाद को शासी निकाय का अध्यक्ष बनाकर अनुदान की राशि का बन्दरबांट किये जाने शिकायत निदेशक शैक्षणिक बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से की थी। श्री गुप्ता ने बताया कि दर्ज प्राथमिकी में सिर्फ नौ लोगों को ही नामजद किया गया है। जबकि फर्जी निकासी में शामिल कई लाभान्वितों के नाम छूट गए हैं। जिनका नाम प्राथमिकी में शामिल कराने के लिए वे सारण के एसपी से मिलकर गुहार लगाएंगे। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद माँझी थाना पुलिस गबन के मामले का अनुसंधान एवम दोषियों पर कार्रवाई में जुट गई हैं।