आया भयंकर बाढ़! चारों तरफ हाहाकार!
NH हुआ ध्वस्त, बिहार यूपी का संपर्क भंग!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: सरयु नदी में आये उफान ने माँझी प्रखंड में जनजीवन अस्त ब्यस्त कर दिया है। बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे बाढ़ के पानी के जबरदस्त दबाव के बाद सीमावर्ती उत्तरप्रदेश के चांद दियर पुलिस चौकी के समीप एनएच 31 लगभग 50 मीटर की लंबाई में अचानक ध्वस्त हो गया और यूपी से बिहार का सड़क सम्पर्क भंग हो गया। सड़क के ध्वस्त होने के बाद दोनों तरफ सैकड़ों की संख्या में सामग्री लदे भारी वाहन फँस गए हैं। सड़क सम्पर्क भंग होने से हजारों करोड़ रुपये का ब्यवसाय अचानक प्रभावित होकर रह गया है। रेलमार्ग ही अब लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन रह गया है।
रूट हुआ डाइवर्ट
बलिया जिले प्रशासन द्वारा भारी वाहनों को लगभग दो सौ किमी अतिरिक्त दूरी तय कर जिले के बेल्थरा रोड तथा देवरिया एवम सिवान होकर छपरा भेजा जा रहा है। सारण जिला प्रशासन द्वारा भी उक्त सड़क मार्ग से बलिया, गाजीपुर एवम वाराणसी आदि शहरों तक जाने वाले वाहनों को इसी रूट से भेजा जा रहा है। लम्बी दूरी के भारी वाहनों को वापस बलिया शहर तथा बक्सर के रास्ते पटना सहित अन्य शहरों के लिए भेजा जा रहा है। इस बीच सब्जी दूध आदि कच्ची सामग्री लदे वाहन संचालक सामग्री के बर्बाद होने को लेकर बेहद चिंतित हैं।
उत्तर प्रदेश प्रशासन आम यात्री एवम निजी वाहनों को इन्ही रास्तों से वापस भेज रहा है। सैकड़ों वाहनों के फंसने के कारण माँझी के बलिया मोड़ तथा यूपी के बैरिया मोड़ पर ही दोनों प्रदेशों की पुलिस को तैनात कर दिया गया है। सीमा पर आवाजाही ठप होने से जयप्रभा सेतु पर तैनात उत्पाद पुलिस के अधिकांश जवान भी बेडयूटी होकर रह गए हैं। सड़क के अचानक ध्वस्त होने के कारण माँझी से सटे चांद दियर गाँव की लगभग एक हजार की आबादी बुरी तरह परेशान होकर रह गई है। घरों में अचानक लगभग दस फुट पानी भर जाने से कमरों में रखा लोगों का सामान अनाज एवम चारा आदि पानी में डूब गया है। लोग आनन फानन में रात में ही अपने परिजनों व सैकड़ों मवेशियों को लेकर किसी तरह एनएच 31 पर पहुँच गए जहाँ मवेशियों सहित ग्रामीण शरण लिए हुए हैं। पीड़ितों के लिए भोजन एवम पशु चारा एनडीआरएफ के जवान मोटर बोट से पहुँचा रहे हैं। रात में भी कई लोगों को मोटरबोट से रेस्क्यू कर उनके घरों से सुरक्षित बाहर निकाला गया।
माँझी में पानी खतरे के निशान से एक फुट ऊपर
इधर सरयु के जलस्तर में लगातार हो रही बृद्धि के कारण माँझी में पानी खतरे के निशान से एक फुट ऊपर बह रहा है। माँझी के दीघा पोखरा में पानी भर जाने के कारण माँझी बनवार सड़क पर नगर पँचायत क्षेत्र में पानी भर गया है तथा दर्जनों घरों में पानी प्रवेश कर गया है जिससे लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। मझनपूरा से जइ छपरा तक सरयु के किनारे के गांवों के ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ की फसल डूबकर बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ ने खासकर सब्जी की खेती करने वाले माँझी के किसानों की की कमर तोड़ दी है। किसान सिकंदर अली ने बताया कि दो लाख रुपये कर्ज लेकर उसने सब्जी की खेती की थी और जब सब्जी निकलने का समय आया तो फसल डूबकर बर्बाद हो गई।
इन गांवों में बाढ़ का खतरा!
उधर रिविलगंज के इनई के समीप सोंधी नदी के मुहाने पर स्थित सलुइस गेट के समीप बांध के क्षतिग्रस्त हो जाने से नदी में अचानक बाढ़ आ गई है तथा रिविलगंज प्रखण्ड के आधा दर्जन गाँवों के अलावा माँझी के लगभग एक दर्जन गाँवों में बाढ़ का खतरा मण्डराने लगा है। यही स्थिति माँझी के ताजपुर से महम्मदपुर तक के दर्जन भर गाँवों की है जहाँ दाहा नदी के दोनों तरफ के तटबंध पर पानी का जबरदस्त दबाव बना हुआ है। बांध के टूटने तथा गाँवों में तबाही की आशंका के मद्देनजर माँझी के सीओ बीडीओ तथा थानाध्यक्ष लगातार पानी की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। माँझी के रामघाट सहित सरयु किनारे स्थित एक दर्जन से अधिक मन्दिर भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं तथा पूजा पाठ करने वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बीच गुरुवार को दोपहर डुमरी गाँव से सटे पश्चिम नदी का बांध ध्वस्त हो जाने के बाद बाढ़ का पानी गाँव में भरने लगा है तथा गाँव में अफरा तफरी का माहौल उतपन्न हो गया है।