कोपा की घटना का पुलिस जांच जल्द पूरा कर खुलासा करे :- हाजी आफताब आलम खान
सारण (बिहार): संवाददाता सत्येन्द्र कुमार शर्मा: जुलूस-ए-मुहम्मदी के दौरान कोपा में राष्ट्रीयध्वज के साथ छेड़छाड़ की घटना एक सोची समझी साजिश प्रतीत हो रहा है। उक्त बातें समाजसेवी हाजी आफताब आलम खान ने कहा है।
उन्होंने कहा कि जिस लड़के को पुलिस ने गिरफ्तार किया है वह बीजेपी का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। उसकी तस्वीर और वीडियो बीजेपी के कई बड़े नेताओं के साथ वायरल हो रही है। उसकी मां भी बीजेपी महिला प्रकोष्ठ की नेत्री बताई जा रही है। इन तस्वीरों के सामने आने से इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है कि राष्ट्रीयध्वज के अपमान का पूरा मामला एक साजिश है। यह मुसलमानों को बदनाम करने और माहौल को खराब करने के इरादे से किया गया एक षड़यंत्र है। उन्होंने सारण एसपी कुमार आशीष की सराहना करते हुए कहा कि उनकी त्वरित कार्रवाई के कारण माहौल को खराब होने से बचाया जा सका। साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस इस पुरे मामले की गहनता से जांच कर जल्द से जल्द खुलासा करे। उन्होंने कहा कि पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का जन्म दिवस मुसलमानों के लिए बहुत ही पावन है। वे निश्चित रूप से ऐसा कोई कार्य नहीं करेंगे। श्री खान ने कहा कि सच्चा मुसलमान पैगम्बर मुहम्मद साहब के इस कथन का मजबूती से पालन करता है कि "जिस देश में आप रहते हैं उस मुल्क से मुहब्बत करना उसे अपनी मातृभूमि मानना और उसकी रक्षा करना आपका कर्तव्य है" । उन्होंने तिरंगा लहराने के घटना की निंदा करते हुए कहा कि घटना के दिन से लगातार कोपा में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। सारण एसपी के त्वरित कार्रवाई और दोषी के गिरफ्तारी के बाद भी बजरंग दल का धरना इसका द्योतक है। वहीं विहिप ने कई निर्दोष लोगों का नाम शामिल करते हुए पुलिस को आवेदन दिया है। इन संगठनों द्बारा पुलिस प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। श्री खान ने सारण एसपी से मांग किया है कि भाजपा नेताओं के साथ दोषी की वायरल तस्वीर को संज्ञान में रख कर इसकी गहन जांच की जाए। वहीं उन्होंने कोपा समेत जिला में अमन व शांति स्थापित रखने के लिए ज़िला एवं पुलिस प्रशासन के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि एक सच्चा मुसलमान देश की अखंडता के लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए हमेशा तैयार है। श्री खान ने कहा कि इस घटना के वास्तविक दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए और किसी निर्दोष को फंसाया नहीं जाना चाहिए।