हिंदी महिला समिति ने सावन की फुहार के मध्य एडवोकेट श्रद्धा शुक्ला को "स्वयं सिद्धा" सम्मान से किया सम्मानित
नागपुर (महाराष्ट्र): शहर की सुप्रसिद्ध संस्था हिंदी महिला समिति ने बड़े ही अनूठे ढंग से बनाया सावन महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। शिव प्रतिमा पर माल्यार्पण करते समय समिति की अध्यक्षता रति चौबे ने शिव स्तुति प्रस्तुत की। शंखनाद पूनम मिश्रा ने किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथी यशोधरा राजे भोसले का सत्कार समिति के अध्यक्षा रति चौबे, डा चित्रा तूर ने शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह, गुलदस्ता प्रदान कर किया। "स्वयं सिद्धा" सत्कार मूर्ति एडवोकेट श्रद्धा शुक्ला का स्वागत रेखा पांडे ने किया विशेष अतिथि के रूप में हैदराबाद से पधारी निशा चतुर्वेदी का स्वागत डॉ ममता विश्वकर्मा ने किया। स्वागत के समय विशेष रूप से डॉ चित्रातूर , सुजाता दुबे मंच पर उपस्थिति रही।
कार्यक्रम की आरम्भ में अध्यक्षा रति चौबे ने प्रस्तावना प्रस्तुत कर वर्ष भर के क्रिया- कलापों पर प्रकाश डाला। पूनम मिश्रा द्वारा संचालित कालिदास आधारित मेघदूतम पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत की गई। यक्ष की भूमिका में रेशम मदान और सजनी की भूमिका सीमा काचोरे ने निभाई। रिमझिम गिरे सावन..… पर निधि अवस्थी ने सबका मन मोह लिया। पर्वत बनी नंदिता सोनी तो सूरज बनी किरण हटवार रश्मि मिश्रा, प्रतिभा भोले का प्रदर्शन भी शानदार रहा। मधुबाला श्रीवास्तव ने ढोलक की थाप पर एक बिहारी लोकगीत, प्रस्तुत कर ढेर सारी तालियां बटोरी।गीतू शर्मा, संगीता तिवारी, सुनीता शर्मा और संगीता बैस ने सावन को मंच पर ही उतार कर रख दिया। वही इंदू शर्मा ,संतोष बुद्ध राजा डॉ कविता परिहार ने सावन की गीतों की झड़ी ही लगा दी। भारती रावल द्वारा सुंदर कजरी प्रस्तुत की गई। मीरा जोगलेकर ने करूण रस से ओत गीत सुनाया।
अमिता शाह, लक्ष्मी वर्मा "डांस दीवाने" ममता शर्मा, मोनिका पुरोहित, अमिता, गायकवाड के नृत्य भी आकर्षक रहे। कार्यक्रम का संचालन पूनम मिश्रा ने किया शानदार रूप में मुख्य अतिथि रानी साहिबा यशोधरा राजे भोसले, निशा चतुर्वेदी जी, एडवोकेट श्रद्धा शुक्ला ने कार्यक्रम की खुले दिल से सराहना की।
इस अवसर पर रेखा चतुर्वेदी, निर्मला पांडे, डॉ प्रेमलता तिवारी, मंजू पांडे, रूबी दास ,डॉ छाया श्रीवास्तव, सुनिधि जायसवाल आदि हरित परिधान धारण किये महिलाओं से हाल खचाखच भरा था। सभी प्रतिभागियों को संस्था द्वारा पुरुस्कृत किया गया। अंत में आगंतुकों के प्रति आभार डॉ कविता परिहार ने व्यक्त किया।