दिव्यालय एक साहित्य यात्रा पटल पर हुआ गुरुओं का सम्मान!
रिपोर्ट: मंजु बंसल ‘रमा‘
बेतिया (बिहार): ऑनलाइन दिव्यालय साहित्य यात्रा के पटल दिव्यालय साहित्यिक पाठशाला ग्रुप के पटल पर आज के भौतिक युग के आभासी पटल पर गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर सोमवार को दोपहर तीन बजे से पटल संस्थापक व्यंजना आनंद मिथ्या, विशिष्ट अतिथि महेश जैन ज्योति, पटल संरक्षक राजकुमार छापड़िया ‘ कुँअर’, पटल अध्यक्ष मंजरी निधि ‘गुल’, पटल सचिव गजेंद्र हरिहरणव ‘दीप’, पटल उपाध्यक्ष नरेंद्र वैष्णव ‘सक्ती ’ , उपसचिव किशोर जैन ‘किसलय’ व अन्य पटल गुरुजनों व साधकों की उपस्थिति में लाजवाब व अन्यतम कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, शंखनाद व मंत्रोच्चारण के उपरांत आ. कृष्णा राजपूत ने अपनी मृदुल वाणी में सरस्वती वंदना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया ।कार्यक्रम के सूत्रधार के रूप में सुशीला फरमानिया की भूमिका सराहनीय व लाजवाब रही वहीं नीलम अग्रवाल ने खूबसूरत अंदाज में कार्यक्रम का संचालन कर सभी गुरुजनों व साधकों को भाव विभोर कर दिया।
साहित्यिक पाठशाला की सभी साधक बहनों ने अनूठे व अद्भुत तरीक़े से सभी पटल गुरुजनों का सुंदर शब्दों में आभार व्यक्त करते हुए दोहों के माध्यम से अपने उद्गार प्रकट किये। विशिष्ट अतिथि एवं पटल के अभिभावक महेश जैन ज्योति, गुरुवर व्यंजना आनंद मिथ्या, राजकुमार छापड़िया कुँअर, मंजरी निधि गुल, गजेंद्र हरिहारनो दीप, नरेन्द्र वैष्णव सक्ती, किशोर जैन किसलय, निशा अतुल्य, सुषमा शर्मा श्रेणिका श्रुति, राजश्री शर्मा, मनीषा अग्रवाल रक्स, अनुराधा पारे, कविता झा काव्या, पद्माक्षि शुक्ल अक्षि, रश्मि मोयदे दीप्त, रीता लोधा रिक्ता, सुचिता रुंगटा साई, सविता खंडेलवाल भानु, मधु रुंगटा भव्या, मधु झुनझुनवाला अमृता, सुनीता परसाईं चारु, मनीषा अग्रवाल प्रज्ञा,अरुणा अग्रवाल अनुदिता, ललिता अग्रवाल आश्ना, मंजु बंसल रमा, पायल अग्रवाल छनक, अपर्णा पोद्दार शैलजा , राधिका सरावगी कृष्णा व ममता अग्रवाल स्नेह, प्रत्येक गुरुवर के प्रति अपने मनोभावों को शब्दों की माला में पिरोकर लाजवाब भाव पुष्प समर्पित किये। ऐसा लग रहा था कि प्रत्येक साधक अपने गुरुवर को अपने भावों को शीघ्रातिशीघ्र प्रकट करना चाह रहा है। वहीं सभी पटल गुरुजन भी अपने बहुमूल्य व बहुमुखी प्रतिभा के धनी साधकों की मृदुल व निर्मल वाणी में अपने प्रति उनके भावों को सुनकर भावविभोर हो गये। कार्यक्रम के मध्य में हास्य के रंग विकीर्ण करते हुये मनोरंजक व रोचक कार्यक्रम भी रखा गया था जिसका सबने भरपूर आनंद लिया।
तत्पश्चात् सभी वरिष्ठ पटल गुरुजनों ने अपने साधकों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुये अपने आशीर्वचनों के द्वारा निरंतर उच्च सोपानों पर अग्रसर होने का आशीर्वाद दिया। आज हमारे गुरुजनों की निःस्वार्थ कृपा, लगन, परिश्रम व अपने साधकों को सिखाने की उत्कट आकांक्षा का परिणाम है कि सभी साधक उच्च कोटि का लेखन करने में सक्षम हो रहे हैं।
निस्संदेह कार्यक्रम अपने आप में लाजवाब व अद्वितीय रहा। अंत में कविता पोद्दार ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।