कर्मकांड आध्यात्म की प्रारंभिक पाठशाला है।: सत्यानन्द जी महाराज
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: आध्यात्म में ज्ञान का मार्ग सर्वश्रेष्ठ है तथा कर्मकांड आध्यात्म की प्रारंभिक पाठशाला है। यह बातें शनिवार को बक्सर के राजपुर ब्रम्हविद्यालय आश्रम से पधारे स्वामी सत्यानन्द जी महाराज ने कहीं। वे माँझी के नन्दपुर स्थित ब्रम्हविद्यालय आश्रम के सभागार में आयोजित सत्संग कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने पँडित मंडन मिश्र तथा शंकराचार्य के बीच ज्ञान एवम कर्मकांड पर हुए शास्त्रार्थ का विस्तार से विश्लेषण किया। उन्होंने बताया कि ब्यक्ति को जन्म जन्मांतर तक अपने किये फलाफल को भोगना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सद्गुरु की कृपा से प्राप्त ज्ञान मनुष्य को कर्मफल के बंधनों से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करता है तथा मनुष्य जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाता है। सत्संग समारोह में स्वामी धीरेन्द्रा नंद जी महाराज, अमर नाथ तिवारी, लगन यादव, सूर्यबली यादव, डॉ बी के सिंह तथा ओम प्रकाश शर्मा समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।