जिस पत्नी के हत्या के मामले में पति है जेल में, प्रेमी संग जिंदा मिली पत्नी!
गोपालगंज (बिहार): बिहार के गोपालगंज में एक अजीब मामला प्रकाश में आया है। दरअसल जिस पत्नी का अपहरण कर हत्या के आरोप में पति 35 महीने से जेल में अभी भी बंद है और सास सात महीने तक जेल में रही, पुलिस को वह महिला अपनी प्रेमी के साथ यूपी के बलिया में जिंदा मिली है। अब नगर थाने की पुलिस आज उसे कोर्ट में पेश करेगी। मामला नगर थाना क्षेत्र के अरार मोहल्ले का है, जहां करीब तीन साल पुराने दहेज हत्या के केस की गुत्थी अब सुलझने के करीब पहुंच गयी है।
बताया जाता है कि बरौली थाना क्षेत्र के नधना गांव निवासी लता देवी की शादी नगर थाने के अरार मोहल्ले में वार्ड नंबर- 28 निवासी सुनील चौहान के साथ हुई थी। शादी के बाद लता और सुनील के बीच दो बेटियां हुईं। इसमें एक बड़ी बेटी अपने मामा के पास रहती है, जबकि दूसरी छोटी बेटी अपनी दादी व पापा के पास रहती है। 2016 में महिला ने प्रताड़ना का केस पति समेत ससुराल वालों पर किया था। लॉकडाउन के दौरान पति-पत्नी में समझौता हुआ। महिला अपने ससुराल आकर रहले लगी। इधर, लता देवी के भाई चंद्रभूषण प्रसाद ने 10 जुलाई 2021 को दहेज के लिए हत्या कर शव गायब करने का आरोप लगाया और इस मामले में 25 जुलाई 2021 को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गई। दहेज हत्या के मामले में पुलिस ने महिला के पति सुनील चाैहान, देवर धर्मराज प्रसाद, देवराज चौहान, राहुल चौहान, सास आशा देवी समेत पांच को लोगों को पुलिस ने अभियुक्त बनाया गया था। लता देवी की हत्या के मामले में मां-बेटे बेकसूर थे। ये साबित करने के लिए अब 35 महीने का वक्त लग गया। सिविल कोर्ट से लेकर हाइकोर्ट परिवार गया, लेकिन महिला के पति सुनील चौहान को जमानत नहीं मिली। अब सवाल है कि किसकी लापरवाही से महिला का पति 35 साल तक जेल में रहा। केस की जांच सही तरीके से हुई रहती, तो खुलासा बहुत पहले हुआ रहता और बेकसूर को जेल में 35 महीने तक नहीं रहना पड़ता। लता देवी को पुलिस ने बरामद कर जब नगर थाना लायी, तो उसने बताया कि वह दूसरी शादी कर चुकी है। यूपी के बलिया में बस के ड्राइवर से उसने शादी करने की बात कही और एक बेटी भी होने की बात बतायी। महिला को इस तरह से अब तीन बेटियां हो चुकी है। महिला ने कहा कि 2016 में दहेज के लिए प्रताड़ित करने का केस किया था, उसके बाद से ससुराल में यातना झेलनी पड़ रही थी, इसलिए घर छोड़कर स्टेशन पर भाग गयी, जहां बलिया के नागेंद्र सहनी ने सहारा दिया और अपने घर लेकर चले गये. उसी समय से उनके साथ रहने लगी। चार महीने बाद शादी कर ली और पति-पत्नी के रूप में दोनों बलिया में रहने लगे थे।