योग फाॅर लिबरेशन (आनन्द मार्ग) के आनलाइन ज़ूम कार्यक्रम के द्वारा "नैतिकवान बनने का सफर" कार्यक्रम के तहत आठ दिवसीय "बाल सुसंस्कार शिविर" का आयोजन सम्पन्न हुआ!
बेतिया (बिहार):"योग फाॅर लिबरेशन"(आनन्द मार्ग) ज़ूम (आनलाइन) फोरम के द्वारा विगत तीन वर्षों से जनहित में नि:शुल्क विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया जाता रहा है जिनमें प्रतिदिन पाञ्चजन्य (भजन, कीर्त्तन, ध्यान); श्वास क्रिया, योगासन, मुद्रा, प्रणायाम, कौशिकी व ताण्डव नृत्य (योगाभ्यास), सत्संग आदि के अलावा समय समय पर बच्चों तथा बड़ों के लिये 'सुसंस्कार शिविरों' का आयोजन शामिल हैं। ये कार्यक्रम पूर्णतया नि:शुल्क है इसलिए कोई भी इच्छुक तथा जरुरतमन्द व्यक्ति इन कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं।
दिनांक 18 मार्च से 26 मार्च '24 तक 'बाल सुसंस्कार शिविर' का आयोजन किया गया है जिसमें देश के कोने कोने से सैंकड़ों बच्चे तथा उनके अभिभावक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम प्रतिदिन सुबह 7.00बजे से 8.30बजे तक तथा संध्या 5.00बजे से 6.00बजे तक संचालित किया जा रहा है।
इस दौरान बच्चों को दैनन्दिन की दिनचर्या में आवश्यक शारीरिक व्यायाम, योगाभ्यास, स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियां, नैतिकता के सिद्धान्त(यम-नियम), संस्कृत श्लोकों का समधुर उच्चारण तथा निहितार्थ, मूल्यबोधक प्रेरक प्रसंग, मूल्यबोधक विषयों पर चित्रांकन शिक्षा व प्रतियोगिता, कौशिकी व ताण्डव नृत्य व प्रतियोगिता, मूल्यबोधक विषयों पर कहानी-कथ्य प्रतियोगिता आदि की कार्यशाला आयोजित की गई थी
शिविर समाप्त होने पर बच्चों की प्रतियोगिता भी रखी गयी जिसमें चित्रकला में
1- ) कामेश्वर भगत- डोडा, क्लास 2 - प्रथम
2) तनिष्का शर्मा - क्लास 2, द्वितीय
किशोर ग्रुप
1) जागृति श्रीवास्तव, फरीदाबाद - class 7 - प्रथम
2) उपदेश भगत Class -7- द्वितीय
3.) सुनिधि कुमारी class-4 बिजनौर तृतीय
[GROUP-B (किशोर ग्रुप)
सुसंस्कार शिविर की प्रतियोगिता में
1.) अर्जव चन्द्राकार, आगरा, प्रथम
2.) उपदेश भगत, डोडा, - द्वितीय
३.) रिसिका भगत, डोडा - तृतीय
बाल ग्रुप
1.) कामेश्वर भगत, डोडा, प्रथम
2.) विराज आनन्द, न्यू दिल्ली द्वितीय
इस कार्यक्रम से बच्चे और उनके अभिभावकगण सभी प्रेरित व अभिभूत हैं। ऑन-लाइन होने का उन्हें लाभ यह मिल रहा है कि परीक्षा के बाद घर में छुट्टियां बिता रहे बच्चों को एक धनात्मक शिक्षा व परिवेश मिल रहा है। बच्चों के साथ साथ उनके अभिभावक भी सीख रहे हैं कि बच्चों में बचपन से ही किस प्रकार सुसंस्कारित किया जाय। क्योंकि आज के समय में अति व्यस्तता के कारण अभिभावक बच्चों के लिये आवश्यक समय नहीं दे पा रहे हैं जिससे बच्चों में उदण्डता व अन्यान्य कुसंस्कार घर करते जा रहे हैं। बच्चे उच्छृंखल, अनुशासनहीन, स्वार्थी और जड़वादी बनते जा रहे हैं। उनमें कुप्रवृत्तियां बढ़ती जा रही हैं। आज अभिभावकोंके सामने यह एक गम्भीर समस्या बन गयी है। अतः यह शिविर सबों के लिए एक जागरण का कार्य कर रहा है। विदित हो कि इस कार्यक्रम के निर्देशक आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत (आनन्द मार्ग प्रचारक संघ के संन्यासी) तथा संयोजिका व मुख्य प्रशिक्षका व्यंजना आनन्द L.F.T(स्थानीय पूर्णकालिक), बेतिया हैं।