होली के रंग : जोगीरा के संग
रिपोर्ट- मंजु बंसल रमा
बेतिया (बिहार): दिव्यालय साहित्य यात्रा पटल पर पावन पर्व होली के शुभ अवसर पर आज के भौतिक युग के आभासी पटल पर शनिवार दिनांक २३/०३/२०२४ को दोपहर तीन बजे से पटल संस्थापक व्यंजना आनंद मिथ्या, मुख्य अतिथि पद्माक्षि शुक्ल, पटल अध्यक्ष मंजरी निधि गुल , उपाध्यक्ष नरेंद्र वैष्णव शक्ती, सचिव गजेंद्र हरिहरनव दीप, उपसचिव यू. के. से किशोर जैन की उपस्थिति में सुचारु रुप से सविता खंडेलवाल भानु द्वारा नियोजित किया गया। कार्यक्रम को लाजवाब स्वरूप प्रदान करने में सविता खंडेलवाल की भूमिका अति सराहनीय रही। रीता लोधा रिक्ता ने अप्रतिम संचालन करते हुये सभी पदाधिकारियों का स्वागत करते हुये उन्हें मंचासीन किया। तदुपरांत मुख्य अतिथि पद्माक्षि शुकल द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ ही रीता लोधा रिक्ता में अद्वितीय शंखनाद कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुये समूचे वातावरण को सकारात्मक उर्जा से परिपूर्ण कर दिया। व्यंजना आनंद मिथ्या ने अपनी सुमधुर वाणी में अपने दादा जी सुप्रसिद्ध कवि श्री विमल राजस्थानी जी की लिखी माँ वीणापाणी की वंदना कर सबके भक्तिभाव से सराबोर कर दिया।
आज की विशिष्ट अतिथि मारवाड़ी महिला सम्मेलन शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरा बथवाल जी नेटवर्क की वजह से हमसे जुड नही पाई। उनकी कमी पटल पर बनी रही।
रीता लोधा रिक्ता के अति श्लाघनीय संचालन ने सभी उपस्थित पटल गुरुजनों, अतिथियों व साधकों का मन मोह लिया। तत्पश्चात् चिर-प्रतीक्षित काव्य-पाठ का आरंभ हुआ, जिसमें मधु रूंगटा भव्या, पायल अग्रवाल छनक, नीलम अग्रवाल रत्न, सुजाता सिंह रूपल, मनीषा अग्रवाल प्रज्ञा, सुषमा शर्मा क्षणिका, सविता खंडेलवाल भानु, सुचिता रूंगटा साईं, सुंदर कुमारी, नरेंद्र वैष्णव शक्ति, रश्मि पांडेय, सुजाता देवी, निशा अतुल्य, कीर्ति मेहता कोमल, सुनीता परसाईं, मधु झुनझुनवाला व मंजु बंसल रमा और राजश्री शर्मा ने विभिन्न छंदमय रचनाओं, विशेषतया होली प्रसिद्ध जोगीरा सा रा रा पर पठन कर समग्र वातावरण में इंद्रधनुषी रंगों की छटा विकीर्ण कर दी।
अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की बेतिया शाखा अध्यक्ष इंद्रा पोद्दार ने कहा कि दिव्यालय की सभी बहनें कोहिमूर हीरे की मानिंद चमकती जा रही हैं। दिव्यालय के पटल गुरुजनों का प्रयास क़ाबिले-तारीफ़ है जो इतनी लगन से कोयले रूपी साधकों के तराश रही हैं। बिहार की प्रांतीय अध्यक्ष रानी झुनझुनाना ने कहा कि पूरा कार्यक्रम मन लुभावने, अद्भुत व अविस्मरणीय रहा। व्यंजना दीदी बहुमुखी प्रतिभाशाली हैं जो सदैव सबकी मदद व सहयोग को तत्पर रहती हैं।
नेत्रदान, त्वचादान आदि राष्ट्रीय प्रमुख बहुमुखी प्रतिभासंपन्न सुशीला फरमानिया ने कहा कि व्यंजना आनंद मिथ्या के संरक्षण व मार्गदर्शन में पटल पर उपस्थित सभी साधकों को छंदों का निराला व अद्भुत ज्ञान प्राप्त हो रहा है । ऑनलाइन व निःशुल्क ज्ञानदान करना स्वयं ही बहुत पुण्य का काम है जिसे सभी गुरुजन अथक परिश्रम व अमूल्य समय प्रदान कर रहे हैं।
प्रांतीय पर्यावरण प्रमुख बीना चौधरी ने कहा कि सभी काव्य-पाठक बधाई के पात्र हैं जिन्होंने सारा ही पटल होलीमय कर दिया। मुख्य अतिथि पद्माक्षि शुक्ल ने सदैव की ही तरह अपनी रचना से सभी को होली के रंगों से सराबोर कर दिया । उन्होंने कहा कि व्यंजना दीदी के मार्गदर्शन में ही हम सब छंद के सागर में गोते लगा रहे हैं।
व्यंजना आनंद मिथ्या ने भी हमेशा की तरह बोली पर अप्रतिम काव्य-पाठ कर पटल पर उपस्थित सबको मंत्रमुग्ध कर दिया ।उन्होंने कहा कि दिव्यालय सभी का पटल है । साधकों की मेहनत का परिणाम है , जो गृहिणी लिखना नहीं जानती थीं, वे भी समय निकाल कर छंदमय सृजन कर पा रही हैं ।सभी साधक व गुरुजनों की निरंतर मेहनत व लगन से ही दिव्यालय दिन-प्रतिदिन उन्नति को सोपान पर बढ़ रहा है । तत्पश्चात् दीदी ने सभी को होली की शुभकामनाएँ देते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।